पंकज सिंह भदौरिया,दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले के गीदम धान खरीदी केंद्र में किसानों के हक पर खुलेआम डाका डाला जा रहा है. जिन अधिकारियों को समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की जिम्मेदारी मिली है, वो ही किसानों के पेट पर लात मारने पर तुले हैं. दरअसल गीदम धान खरीदी केंद्र प्रभारी, लैम्प्स मैनेजर किसानों की धान तौलाई में कांटा मार रहे है. किसानों से हर बोरे में एक-एक किलो अधिक धान खरीद रहे. जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारी भी ऐसा तर्क दे रहे है, जिसे सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे.

राज्य सरकार ने प्रति बोरे मानक वजन 40 किलो धान भर्ती निर्धारित किया है. लेकिन गीदम केंद्र में तौल कांटे पर 41 किलो सीधे किसानों से धान खरीदी जा रही है. जबकि किसानों को पैसा 40 किलो के हिसाब से ही दी जाएगी. मामले में कलेक्टर दीपक सोनी ने सज्ञान लेते हुए मौके पर फूड इंस्पेक्टर, गीदम आरआई को जांच के लिए भेजा. अधिकारियों ने 10 बोरा वजन सहित परीक्षण किया, तो सभी बोरे में एक किलो अधिक धान पाया गया. जिन्हें सील कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

इस संबंध में केंद्र लैम्प्स प्रभारी आलोक ठाकुर ने जो तर्क दिया, वो किसी को हजम नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि धान में सूखती आती है, इसलिए अधिक धान वजन में ले रहे है. पिछले वर्ष 9 लाख रुपए शार्टेज घर से भरना पड़ा. जिसके लिए जमीन भी मुझे बेचनी पड़ी. अब आप अंदाज़ा लगाइये 9 लाख रुपये घाटा खाकर भी लैम्प्स प्रभारी इस वर्ष धान खरीदी में टिका हुआ है.

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बता दें कि गीदम उपार्जन केंद्र में अब तक लगभग 1338 क्विंटल धान खरीदी कर ली गई है. मतलब 2676 बोरे धान खरीदी में 1-1 किलो अधिक धान खरीदी की गई है. मतलब लाखों रुपए की गड़बड़ी धान चोरी कर की गई होगी. अब आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं कि जब गीदम जैसी जगह में प्रशासन के नाक के नीचे खुलेआम धान खरीदी में हेराफेरी हो रही है, तो अंदुरुनी खरीदी केंद्रों के क्या हाल होंगे ?