रायपुर। छत्तीसगढ़ द्वारा केन्द्रीय पूल के कोटे का चावल जमा कराए जाने का सिलसिला तेजी से जारी है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में खाद्य एवं मार्कफेड द्वारा उपार्जन केन्द्रों एवं संग्रहण केन्द्रों से धान का उठाव का काम पूरा हो चुका है. कस्टम मिलिंग और केन्द्रीय पूल में चावल जमा कराए जाने का काम युद्ध स्तर पर जारी है.

यही वजह है कि छत्तीसगढ़ राज्य द्वारा अब तक केन्द्रीय पूल में 48.13 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है. चावल जमा कराने के मामले में छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में से एक है, जिसमें अपने कोटे का लगभग दो तिहाई से अधिक हिस्से का चावल जमा कर दिया है.

गौरतलब है कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ को केन्द्रीय पूल में कुल 61.65 लाख मीट्रिक टन अरवा चावल देना है. इस लक्ष्य को हासिल करने राज्य में विशेष रणनीति तैयार की गई, जिसके चलते समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के साथ-साथ उपार्जन केन्द्रों से धान के उठाव एवं कस्टम मिलिंग का काम भी अनवरत रूप से जारी रहा.

परिणाम स्वरूप मानसून आने से पहले ही राज्य के सभी 2484 उपार्जन केन्द्रों से लगभग शत-प्रतिशत धान का उठाव हो चुका है. कस्टम मिलिंग का काम तेजी से कराया जा रहा है, जिसके चलते चावल जमा करने में इस साल छत्तीसगढ़ अपने लक्ष्य को हासिल करने के करीब पहुंच गया है.

खाद्य विभाग के सचिव टोपेश्वर वर्मा ने बताया कि राज्य में कस्टम मिलिंग के लिए अब तक 97.93 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है, जो कि समर्थन मूल्य पर क्रय किए गए 98 लाख मीट्रिक टन धान का लगभग शत-प्रतिशत है. केन्द्रीय पूल में 48.13 लाख मीट्रिक टन चावल जमा कराया जा चुका है, जिसमें भारतीय खाद्य निगम में 24.80 लाख मीट्रिक टन और नागरिक आपूर्ति निगम में 23.32 लाख मीट्रिक टन चावल शामिल है.