सत्या राजपूत, रायपुर। छत्तीसगढ़ में 15 नवंबर से प्रारंभ होने जा रहे धान उपार्जन वर्ष 2025-26 के पहले ही प्रशासनिक चुनौती खड़ी हो गई है। प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों (PACS) के कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से प्रदेशभर में निर्धारित तिथि पर धान खरीदी प्रारंभ होने पर संकट गहराता दिख रहा है। इसी स्थिति से निपटने के लिए शासन ने वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने के निर्देश जारी किए हैं।

सहकारिता विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, संभाग आयुक्तों और सभी जिलों के कलेक्टरों को तत्काल आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि धान उपार्जन का कार्य सुचारू रूप से संचालित हो सके।

पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में धान खरीदी का कार्य प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के माध्यम से किया जाता है, लेकिन वर्तमान में समिति कर्मचारी हड़ताल पर हैं, जिसके कारण समितियों में धान उपार्जन कार्य प्रभावित हो सकता है। इस स्थिति में शासन ने स्पष्ट किया है कि समिति कर्मचारियों के स्थान पर सहकारिता विभाग के वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक, सहकारी निरीक्षक, सहकारिता विस्तार अधिकारी सहित अन्य विभागों- जैसे राजस्व, खाद्य एवं कृषि विभाग के कर्मचारियों को समिति प्रबंधक का प्रभार देकर धान खरीदी का कार्य कराया जा सकता है।

सहकारिता विभाग के सचिव द्वारा हस्ताक्षरित इस आदेश में अधिकारियों से कहा गया है कि वे इस संबंध में “तत्काल आवश्यक और यथोचित कार्यवाही” सुनिश्चित करें ताकि किसानों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो और धान उपार्जन प्रक्रिया समय पर आरंभ की जा सके।

देखें आदेश

प्रदेश सरकार का कहना है कि किसानों के हितों की रक्षा सर्वोपरि है और किसी भी परिस्थिति में धान उपार्जन कार्य प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा। अब देखना यह होगा कि हड़ताल के बीच प्रशासन किस तरह से वैकल्पिक व्यवस्था को लागू कर पाता है और प्रदेशभर में धान खरीदी को सुचारू रखता है।

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