अंकुर तिवारी,धमतरी। छत्तीसगढ़ के धमतरी में अनलॉक के दौरान जिला जेल में बंद कैदियों को कोरोना वायरस का डर सता रहा है. यह डर इसलिए भी स्वाभाविक है, क्योंकि जेल के अंदर कुछ दिन पहले एक कैदी कोरोना से संक्रमित पाया गया था. यही वजह है कि कैदियों ने भूख हड़ताल शुरु कर कोरोना टेस्ट करवाने की मांग की है. जेल से आ रही खबरों के मुताबिक 10 से ज्यादा बंदियों ने खाना पीना छोड़ कर भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं.

सभी की कोरोना टेस्ट कराने की मांग

जानकारी के मुताबिक एक कैदी के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद जेल प्रशासन ने अपने स्टाफ और 15 बंदियों का कोरोना टेस्ट कराया है. उसके बाद भी दूसरे कैदी जेल में कोरोना वायरस को लेकर डरे सहमे हुए हैं. कैदियों की मांग है कि सभी लोगों का कोरोना वायरस से बचाव के लिए टेस्ट कराया जाए.

ये कहना है जेल अधीक्षक का

धमतरी जिला जेल के जेल अधीक्षक और डिप्टी कलेक्टर एचएल गायकवाड़ का कहना है कि जानकारी मिलने पर जेल जाकर बंदियों से चर्चा की गई. ये लोग मगरलोड में पकड़े गए रेत माफिया हैं और इनकी मांग है कि इन्हें बैरक नंबर 9 में रखा जाए. उन्हें समझा दिया गया है कि वहां रखना संभव नहीं है. जेल में बंदियों की भूख हड़ताल की खबर गलत है, लेकिन कोरोना वायरस जांच की मांग गई है. मगर ये लोग एक दिन में ही जांच की मांग कर रहें हैं. वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट बनाकर भेज दिया है.

इलाज के लिए मेकाहारा में हुआ था भर्ती

बता दें कि जिला जेल में जो बंदी कोरोना संक्रमित पाया गया था, वह कुछ दिनों पहले जेल प्रशासन की टीम के साथ हार्निया का उपचार कराने रायपुर के मेकाहारा अस्पताल गया था. आशंका जताई गई कि वहां कई लोगों के संपर्क में आने की वजह से वह कोरोना वायरस से संक्रमित हुआ होगा. जबकि रायपुर से लौटने के बाद उस बंदी को जेल के अलग बैरक में रखा गया था. जेल में रहने वाले अन्य बंदियों से किसी तरह कोई संपर्क नहीं हुआ था. सभी बंदी संक्रमित बंदी से सुरक्षित हैं.

जेल में बंद है 197 कैदी

वर्तमान में जिला जेल में करीब 197 बंदी है. यहां कोरोना मरीज मिलने के बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बंदी ग्राम रत्नाबांधा का रहने वाला है, जो धारा 304 बी के जुर्म में जेल में है. नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जेल के आसपास के क्षेत्र को सैनिटाइज किया था, ताकि कोई दूसरा संक्रमित न हो सके.