सत्या राजपूत, रायपुर। धान अनुसंधान और विकास में अद्वितीय योगदान के लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय (आईजीकेवी) रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया है. उन्हें यह सम्मान भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद में आयोजित 60वें वार्षिक चावल अनुसंधान समूह कार्यक्रम में प्रदान किया गया.


डॉ. शर्मा को यह पुरस्कार आनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन (Plant Breeding and Genetics) क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया है. अपने 35 वर्षों के दीर्घ करियर में उन्होंने धान की 6 म्यूटेंट किस्में, 1 औषधीय किस्म और 2 हाईब्रिड किस्मों का सफल विकास किया है. इसके अलावा, धान की लगभग 10 से अधिक किस्मों के विकास में भी उन्होंने अपनी टीम के साथ मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
डॉ. शर्मा द्वारा हाल ही में विकसित उच्च उपज क्षमता वाली धान किस्म “विक्रम टीसीआर” किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है. उन्होंने देश की पहली औषधीय धान की किस्में भी बीएआरसी (भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर) के सहयोग से विकसित कर छत्तीसगढ़ राज्य में धान अनुसंधान को नई दिशा दी है.
इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की प्रसिद्ध स्थानीय किस्मों “जीरा फूल” और “नगरी दूबराज” को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग दिलाने में भी डॉ. शर्मा का अभूतपूर्व योगदान रहा है. किसानों की 600 से अधिक किस्मों के पंजीयन में भी उनकी अहम भूमिका रही है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक