
अरविंद मिश्रा, बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंघ अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेशभर में पदयात्रा निकाल रहा है। इस आंदोलन के तहत महासंघ के सदस्य राज्य के विभिन्न जिलों में वाहन चालकों से संपर्क कर उन्हें 19 मार्च को रायपुर पहुंचने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। महासंघ का कहना है कि वाहन चालकों की समस्याओं को लेकर लंबे समय से आवाज उठाई जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकला है।

बलौदाबाजार पहुंची पदयात्रा, विभिन्न जिलों में कर रहे संपर्क
ड्राइवर महासंघ का एक दल आज पदयात्रा करते हुए बलौदाबाजार पहुंचा, जहां उन्होंने स्थानीय वाहन चालकों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुना और आगामी रणनीति पर चर्चा की। महासंघ का कहना है कि वे रातभर बलौदाबाजार में विश्राम करेंगे और अगले दिन आगे की यात्रा शुरू करेंगे। इस दौरान विभिन्न स्थानों पर वाहन चालकों से मिलकर 19 मार्च को रायपुर में एकजुट होने की अपील की जाएगी। महासंघ के पदाधिकारियों ने बताया कि पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार तक वाहन चालकों की समस्याओं को पहुंचाना है।
महासंघ की मुख्य मांगें

छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंघ के प्रदेश प्रभारी संतोष देवांगन ने बताया कि ड्राइवरों को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं होती। उन्होंने बताया कि वाहन दुर्घटना होने पर सबसे पहले ड्राइवर को ही दोषी ठहराया जाता है और उनके साथ मारपीट की जाती है। वहीं, कई मामलों में वाहन मालिक भी चोरी का आरोप लगाकर चालकों को प्रताड़ित करते हैं। इसके अलावा, ड्राइवरों को बीमा का लाभ नहीं मिलता, तनख्वाह बहुत कम होती है, जिससे उनके परिवार का गुजारा मुश्किल हो जाता है। इन्हीं समस्याओं को लेकर महासंघ तीन प्रमुख मांगों को सरकार के सामने रखेगा:
ड्राइवर आयोग की स्थापना: ड्राइवरों के साथ होने वाले अन्याय को रोकने और उनकी शिकायतों की सुनवाई के लिए सरकार को एक आयोग बनाना चाहिए।
ड्राइवर वेलफेयर बोर्ड का गठन: दुर्घटना या अन्य किसी आपदा की स्थिति में ड्राइवरों और उनके परिवारों को आर्थिक सहायता देने के लिए एक कल्याणकारी बोर्ड की जरूरत है।
ड्राइवर दिवस की घोषणा एवं अवकाश: अन्य व्यवसायों की तरह ड्राइवरों के लिए भी एक विशेष दिवस तय किया जाए और उस दिन अवकाश घोषित किया जाए।

महासंघ का आरोप: सुनवाई नहीं होती, मजबूरी में आंदोलन
प्रदेश प्रभारी संतोष देवांगन ने कहा कि ड्राइवरों को कोई सामाजिक सुरक्षा नहीं मिलती। दुर्घटना के बाद न तो उन्हें उचित मुआवजा मिलता है और न ही परिवार के भरण-पोषण की व्यवस्था होती है। उन्होंने कहा कि ड्राइवर महासंघ ने पहले भी अपनी मांगों को लेकर सरकार से बातचीत की थी, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। अब 19 मार्च को रायपुर में मुख्यमंत्री से मिलकर ज्ञापन सौंपा जाएगा। अगर फिर भी मांगे पूरी नहीं हुईं, तो आगे की रणनीति बनाकर उग्र प्रदर्शन किया जाएगा।
रायपुर में जुटेंगे प्रदेशभर के वाहन चालक
महासंघ के अनुसार, इस बार पूरे प्रदेश से हजारों वाहन चालक रायपुर पहुंचकर अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करेंगे। संगठन का कहना है कि यह उनका दूसरा ज्ञापन होगा। अगर इस बार भी कोई निर्णय नहीं लिया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे और सरकार के खिलाफ कड़ा कदम उठाने पर मजबूर होंगे।
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