मनेंद्र पटेल, दुर्ग। ऑनलाइन ठगी के मामलों में अब साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपना रहे हैं। ताजा मामला दुर्ग जिले के नेवई थाना क्षेत्र का है, जहां रिसाली के मैत्री नगर में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला के साथ करीब 6 लाख रुपए की साइबर ठगी हो गई। महिला ने बिजली विभाग की शिकायत दर्ज कराने के लिए गूगल पर हेल्पलाइन नंबर सर्च किया था, लेकिन इसी दौरान वह ठगों के जाल में फंस गईं।

जानकारी के मुताबिक, पीड़िता मोनिसिजा चटर्जी (निवासी – मैत्री नगर, रिसाली) ने 22 अक्टूबर को अपने इलाके की स्ट्रीट लाइट बंद होने की शिकायत दर्ज कराने के लिए इंटरनेट पर बिजली विभाग का नंबर खोजा। सर्च रिजल्ट में मिले एक मोबाइल नंबर पर उन्होंने कॉल किया। फोन रिसीव करने वाले व्यक्ति ने खुद को बिजली विभाग का कर्मचारी बताते हुए कहा कि शिकायत दर्ज कराने के लिए 5 रुपए का “ऑनलाइन प्रोसेसिंग शुल्क” जमा करना होगा।
मोनिसिजा चटर्जी ने बताए गए लिंक से भुगतान करने की कोशिश की, लेकिन पहली बार भुगतान असफल रहा। दोबारा ट्रांजेक्शन करने पर 5 रुपए कट गए, जिससे उन्हें लगा कि भुगतान सफल हो गया है। हालांकि, 24 घंटे के भीतर ही उनके बैंक खाते से कुल ₹5,91,696 रुपए की निकासी हो गई।
राशि निकलने की जानकारी मिलते ही महिला ने संबंधित नंबर पर दोबारा संपर्क किया, लेकिन फोन लगातार स्विच ऑफ मिल रहा था। इसके बाद उन्हें एहसास हुआ कि वे ऑनलाइन ठगी की शिकार हो गई हैं।
घबराई महिला ने तत्काल नेवई थाने पहुंचकर पूरी घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। थाना प्रभारी ने शिकायत को साइबर सेल को जांच के लिए भेज दिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि प्रारंभिक जांच में यह फिशिंग लिंक और फर्जी कॉल सेंटर नेटवर्क से जुड़ा मामला प्रतीत हो रहा है। ठगों ने गूगल सर्च रिजल्ट में फर्जी ग्राहक सेवा नंबर डालकर लोगों को भ्रमित करने का तरीका अपनाया है।
साइबर सेल की टीम अब कॉल डिटेल्स, बैंक ट्रांजेक्शन और लिंक की तकनीकी जांच कर रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही आरोपियों का पता लगाया जाएगा।
पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि किसी भी विभाग या बैंक का नंबर गूगल सर्च से लेकर संपर्क न करें, बल्कि केवल सरकारी वेबसाइट या मोबाइल ऐप के माध्यम से ही जानकारी प्राप्त करें।
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