यशवंत साहू,भिलाई। कहते हैं पढ़ने और सीखने की कोई उम्र नहीं होती है. इस बात को भिलाई के रहने वाले जीबी गवेल ने साबित कर दिया है. गवेल 75 साल के हैं और आज उन्होंने नीट का एग्जाम दिया है. डॉक्टर बनने की ख्वाहिश ने उन्हें एग्जाम के लिए प्रेरित किया. जिस कारण उन्होंने नीट का आवेदन कर दिया था. गवेल ने रविवार को 4 घंटे नीट का एग्जाम दिया.
लल्लूराम डॉट काम से बात करते हुए जीबी गवेल ने बताया कि 1947 में उनका जन्म हुआ था. उन्होंने जिंदगीभर साइंस के बच्चों को पढ़ाया. उनके भी 5 बच्चे हैं. सभी डॉक्टर बन गए हैं. कोरबा के हाईस्कूल में रिटायर्ड प्रिंसिल रहे गवेल बताते हैं कि 1965 में बीएससी के नंबर के आधार पर मेडिकल में दाखिला होता था. पांच नंबर से वे रिजेक्ट हो गए थे. तब से उनकी दिली तमन्ना था कि वे डॉक्टर बने.
गवेल बताते हैं कि 1967 से सीजीपीएमटी शुरू हुआ. जिसमें एज लिमीट का इश्यू हुआ. पिछले साल ही नीट ने एज लिमीट को हटा दिया है. भुवनेश्वर के रहने वाले एक 65 वर्षीय सीनियर सिटीजंस ने एग्जाम दिया था. उन्हें देखकर इस साल गवेल ने भी आवेदन दिया. उनका दावा है कि आज पेपर अच्छा गया. बॉयोलॉजिकल थोड़ा टफ रहता है, फिर भी उनका दावा है कि आज के पेपर के हिसाब से उनका दाखिला मेडिकल में हो जाएगा.
बता दें कि दुर्ग जिले में नीट परीक्षा के लिए 18 केंद्र बनाए गए थे. जिसमें 5400 छात्रों ने डॉक्टर बनने के लिए नीट का एग्जाम दिया है. छात्र सुबह 11 बजे ही केंद्र में पहुंच गए थे.
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