रायपुर- छत्तीसगढ़ स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे में चल रही है. कंपनी 17 सौ करोड़ से अधिक के घाटे में चल रही है. छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को एक सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह जानकारी दी है. पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीजेपी नेता ने पूछा था कि 2019-2020 और 2020-21 में बिजली कंपनी ने कितना लाभ अर्जित किया है? उन्होंने यह भी सवाल पूछा था कि क्या बिजली दरों के निर्धारण के लिए कंपनी ने कोई याचिका नियामक आयोग में लगाई है?

इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया कि स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड लगभग 17 सौ 23 करोड़ के घाटे में चल रही है. वहीं स्टेट पाॅवर ट्रेडिंग कंपनी 1.91 करोड़ के घाटे में है, जबकि स्टेट पाॅवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने आयोग में लगाई गई याचिका 3 हजार 233 करोड़ का राजस्व घाटा प्रस्तुत किया है. सदन में दी गई जानकारी में मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2020-21 के लिए डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष याचिका प्रस्तुत की है. यह याचिका विद्युत अधिनियम 2003 की धारा-61 के अधीन अधिसूचित मल्टी ईय़र टैरिफ रेग्युलेशन के अनुपालन में बंधनकारी है. इस याचिका के जरिए कंपनी ने बिजली दरों के निर्धारण की मांग की है. इधर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा है बिजली कंपनियों के दुरूपयोग की वजह से ऐसे हालात बन रहे हैं.