रामकुमार यादव, अंबिकापुर। बेमौसम बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. फसल पक कर तैयार हैं, कुछ फसल खेत में पड़ी है और कुछ खलिहान में अचानक बारिश हो जाने के कारण धान भीग चुके हैं और इसे रखने की जगह किसानों के पास नहीं है. यही कारण है कि किसान किसी तरीके से अपने फसल को सुरक्षित रखने की कोशिश कर रहे हैं, मगर अब भी धान खरीदी शुरू होने में करीब 4 दिन का समय बाकी है. ऐसे में किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसान इस बात को लेकर भी चिंतित नजर आ रहे हैं कि आखिर भीगी हुई फसल को जब वह समितियों में बेचने जाएंगे तो उस पर भी उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

दरअसल, प्रदेश सरकार ने 1 दिसंबर से धान की खरीदी का निर्णय लिया है. मगर धान की फसल पककर तैयार है और किसान इसकी कटाई भी कर रहे हैं. करीब-करीब फसल कटकर खेतों या खलिहान में पड़ी हुई है और किसान इसे बेचने की तैयारी में जुटे हुए हैं सरगुजा में हुए बारिश के कारण किसानों की फसल बुरी तरीके से भीग चुकी है. खलिहान में पहुंचे फसल को तो किसी तरह किसान प्लास्टिक, त्रिपाल या घर के अंदर रखकर सुरक्षित रख रहे हैं. वहीं खेतों में कटी फसल पानी में भीग रही है.

अंबिकापुर से लगे ग्राम श्रीगढ़ के किसान जगरनाथ राजवाड़े का कहना है कि कुछ धान जिन्हें उनके द्वारा घरों में वह खलिहान में रखा गया है, उसे तो वह त्रिपाल व प्लास्टिक की सहायता से सुरक्षित रख लेंगे पर खेतों में जो धान है वह लगभग पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा. खलिहानो में रखे गए धान में भी पानी घुसता नजर आ रहा है. त्रिपाल और प्लास्टिक लगाने के बावजूद भी धान जो है कि भीग गया है जिसे जल्दी ही बेचा नहीं गया तो उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है.

मौसम वैज्ञानिक का कहना है कि अब बारिश की संभावना 1 या 2 तारीख के बाद ही हो सकती है. शुक्रवार रात के बाद मौसम पूरी तरह से खुल जाएगा. गुरुवार रात हुए 14 से 15 घंटे की बारिश का कारण तमिलनाडु में आए निवार चक्रवात के कारण हुआ है जो छत्तीसगढ़ और झारखंड मैं बादल के बनने से इन क्षेत्रों में बारिश हुई थी पर अब एक दो तारीख तक बारिश का कोई आसार नजर नहीं आ रहा है.