मनोज यादव, कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो) ने पांच आरोपियों को मृत्युदंड और एक को उम्र कैद की सजा सुनाई है. दरअसल, आज से चार साल पहले कोराई जंगल में दरिंदों ने ऐसी दरिंदगी की थी, जिसे सुनकर हर किसी की रूह कांप गई थी. आरोपियों ने पहले पहाड़ी कोरवा परिवार की बेटियों के सामने उनके पिता की हत्या की. इसके बाद मासूम को बेरहमी से पटक-पटक कर मार डाला और नाबालिग के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के बाद उसे मरने के लिए छोड़ दिया था. इस खौफनाक कांड में पीड़ितों के साथ आज इंसाफ हुआ.
जानिए क्या है पूरा मामला
29 जनवरी 2021 को लेमरू थाना क्षेत्र के गढ़-उपोड़ा में कोराई जंगल में तीन लोगों की हत्या कर दी गई थी, जिनकी शिनाख्त देवपहरी गांव के धरमू उर्फ झकड़ी राम (45 वर्ष), उनकी बेटी तीजमति (16 वर्ष) और नातिन सतमति (4 वर्ष) के रूप में हुई. तीनों शुक्रवार से लापता थे और उनके परिजनों द्वारा उनकी तलाश की जा रही थी. इस बीच 30 जनवरी को गढ़-उपोड़ा के जंगल में धरमू का शव मिला. इसके बाद पुलिस ने सर्चिंग के दौरान सतमति का शव बरामद किया, जबकि तीजमति गंभीर हालत में मिली थी.
पुलिस की जांच में यह सामने आया कि यह परिवार संतराम यादव के यहां मवेशी चराने का काम करता था. शुक्रवार को संतराम ने उन्हें काम नहीं होने की बात कहकर घर जाने के लिए कहा. धरमू अपनी पत्नी और बच्चों के साथ पैदल गांव लौटने के लिए निकल पड़ा. आरोप है कि संतराम यादव अपनी बाइक पर धरमू, तीजमति और सतमति को घर छोड़ने के लिए लेकर निकला था. कुछ समय बाद उनकी पत्नी और बच्चा गांव पहुंच गए, लेकिन धरमू और दोनों लड़कियां नहीं पहुंचे. इसके बाद परिजनों ने संतराम से पूछताछ की, तो उसने कहा कि वह उन्हें गांव के पास छोड़कर आया था.
चार दिन की तलाश के बाद जब तीनों का पता नहीं चला, तो परिजनों ने पुलिस थाने में इसकी शिकायत की. मामले में पुलिस ने संतराम को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने जंगल में लड़कियों के शव होने की बात बताई. पुलिस ने निशानदेही पर 4 साल की सतमति का शव बरामद किया, जबकि तीजमति की हालत गंभीर थी और अस्पताल जाते समय उसकी मौत हो गई. जिसके बाद मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.
पांच आरोपियों को मृत्युदंड और एक को उम्र कैद
वहीं चार साल बाद आज यानी सोमवार को इस मामले में जिला एवं अपर सत्र न्यायालय (पॉक्सो) ने फैसला सुनाते हुए सतरेंगा गांव के रहने वाले दोषी संतराम, अनिल, आनंद, परदेशी और जब्बार को फांसी की सजा सुनाई है. वहीं एक आरोपी उमाशंकर यादव को आजीवन कारावास की सजा दी गई है.
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