रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व वन मंत्री डी.पी.घृतलहरे का आज निधन हो गया. वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे. उन्होंने अंतिम सांस रायपुर के निजी अस्पताल में ली. डी.पी के निधन पर राज्यपाल अनुसुइया उइके और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत तमाम मंत्री और नेताओं ने शोक जताया है.

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने पूर्व मंत्री डी.पी.घृतलहरे के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने उनके शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है. सीएम ने अपने शोक संदेश में कहा कि मैं शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूँ. मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शांति मिले. वे अविभाजित मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रहें है. वे चार बार मारो (नवागढ) विधानसभा से विधायक रहे.

एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पीएल पुनिया, एआईसीसी के छत्तीसगढ़ के प्रभारी सचिव डॉ चंदन यादव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, नगरी निकाय मंत्री डॉ शिव कुमार डहरिया, उद्योग मंत्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, महिला बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया शिक्षा, मंत्री डॉक्टर प्रेमसाय सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल, कांग्रेस पक्ष के सभी विधायकों प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों सहित पूरे कांग्रेस परिवार ने पूर्व मंत्री डीपी घृतलहरे को श्रद्धांजलि अर्पित की है.

विधानसभा अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत विधानसभा, उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री द्वय चंद्रशेखर शुक्ला, रवि घोष प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी सदस्य, महिला कांग्रेस विभाग प्रभारी शकुन डहरिया ने भी पूर्व मंत्री डीपी घृतलहरे को श्रद्धांजलि अर्पित की है.

बता दें कि अजीत जोगी शासनकाल में निर्दलीय विधायक रहते हुए डी.पी. घृतलहरे को वन मंत्री बनने का मौका मिला था. वे अविभाजित दुर्ग और वर्तमान बेमेतरा जिले के मारो(नवागढ़) विधानसभा के बेहद धारदार नेता थे. छत्तीसगढ़ की राजनीति में अपनी एक अलग पहचान रखते थे. सतनामी समाज के सबसे ताकतवर नेताओं उनकी गिनती हो रही है. कांग्रेस के साथ-साथ वे ताराचंद साहू की पार्टी छत्तीसगढ़ स्वाभिमान मंच और भाजपा से भी जुड़े रहे.