पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद। देवभोग में सरपंच 50 साल पुराने राशन दुकान को पंचायत मुख्यालय के बजाए आश्रित ग्राम में बनवा रहा है. सरपंच के मनमानी के खिलाफ लामबद्ध लाटापारा के 400 ग्रामीण पहले एसडीएम के दफ्तर पहुंचे, फिर जनपद सीईओ को घेराव किया. तब जाकर सरपंंच माना और ग्रामीण के कहे अनुसार भवन बनवाने की बात कही.
देवभोग के लाटापारा पंचायत के 400 महिला पुरुष आज एसडीम दफ्तर पहुंचे. आक्रोशित ग्रामीण सरपंच योगेंद्र यदु के खिलाफ नारेबाजी करते रहे. ग्रामीणों ने एसडीएम को दिए ज्ञापन में बताया कि पंचायत मुख्यालय में 50 वर्षों से राशन दुकान संचालित है. हाल ही में राशन दुकान के लिए भवन की स्वीकृति मिली. मुख्यालय में भवन के लिए जगह भी मौजूद है, लेकिन सरपंच राशन दुकान का भवन मुख्यालय के बजाए पंचायत के आश्रित ग्राम में बनाना शुरू कर दिया है. भवन अन्य स्थल पर बनने से मुख्यालय में मौजूद 300 से ज्यादा राशनकार्ड धारियों को परेशानी होगी.
20 लाख की गड़बड़ी का आरोप, सौंपा 10 लाख की सूची
आक्रोशित ग्रामीणों ने ज्ञापन के साथ एक और पत्र सौंपा है. जिसमें बताया गया कि सरपंच ने बगैर प्रस्ताव के 26 काम के एवज में 10 लाख 42 हजार रुपए का आहरण कर लिया है. जिस बाबत भुगतान दर्शाया गया है. उसमें आधे से बिल फर्जी है. जिसकी जांच की मांग की गई. आरोप यह भी लगाया गया है कि वर्ष 2021 में पेंशन के लाखों रुपये सरपंच-सचिव ने आहरण कर हितग्राहियों को वितरण नहीं किया. मामले में सरपंच योगेंद्र यदु ने कहा कि ग्रामीण जहां चाहेंगे, वहां भवन बनाएंगे. लेकिन उनका आरोप निराधार है. मामले में जनपद सीईओ एम एल मंडावी ने कहा कि शिकायतों की विधिवत जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.
सरपंच कम पढ़ी-लिखी, फायदा उठा रहे उपसरपंच और सचिव
सप्ताह भर पहले उरमाल के ग्रामीण पंचायत में हुए घपले के खिलाफ लामबद्ध हुए थे. लाखों की गड़बड़ी का उजागर कर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जनपद सीईओ से किया था. ग्रामीणों ने सरपंच, सचिव और उपसरपंच पर आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाया था. आज पंचायत में सरपंच पुष्पा सोरी ने बैठक बुलाकर ग्रामीणों को सफाई दी. उजागर हुए आर्थिक अनियमितता में उनका कोई हांथ नहीं है. सरपंच ने न केवल सफाई दिया, बल्कि अपने समर्थकों के साथ देवभोग थाने पहुंच एक लिखित शिकायत भी दिया है.
जिसमें उन्होंने कहा कि उसके कम पढ़े लिखे होने का फायदा उठाकर उपसरपंच और सचिव उनसे किसी भी सरकारी दातावेज में दस्तखत करवा लेते थे. सरपंच ने यह भी लिखा है कि पंचायत के खाते में जमा राशि मेरे हस्ताक्षर से किसके किसके खाते में गए ये भी पता नहीं है. पूछने पर किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाती थी. जब गड़बड़ी का खुलासा हुआ, तब पता चला कि मेरे अज्ञानता का फायदा उठाकर आर्थिक अनियमीतत्ता किया गया. सरपंच के इस आवेदन में जांच और कार्रवाई की कोई मांग नहीं की गई है. केवल आवेदन सूचनात्मक है. उप निरीक्षक एस महिलांगे ने कहा कि लिखित आवेदन प्राप्त हुआ है. अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
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