रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य के लघु वनोपज संग्राहकों को अधिकतम फायदा पहुंचाने के लिए संचालित की जा रही वन धन योजना और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी में छत्तीसगढ़ एक बार फिर टॉप पर है. देशभर में छत्तीसगढ़ को पहला स्थान मिला है.

दरअसल, छत्तीसगढ़ सरकार वनोपज से वन आश्रितों का आर्थिक उत्थान के लिए जोरों शोरों से कार्य कर रही है, जिसका परिणाम देखने को मिल रहा है. लोगों को इसका लाभ मिल रहा है, जिससे लोगों की स्थिति मजबूत हो रही है. प्रदेश विकास की ओर कदम बढ़ा रहा है. 

न्यूनतम समर्थन मूल्य

रिपोर्ट के मुताबिक ससमर्थन मूल्य का क्रय योग्य वनोपज 7 से बढ़कर 52 हो गया है.

 लघु वनोपज संग्रहण

लघु वनोपज संग्राहकों की संख्या में और संग्रहण बनोपज की मात्रा में 115 गुना वृद्धि  हुई है. 

तेंदूपत्ता संग्रहण दर

तेदूपत्ता का संग्रहण पारिश्रमिक रु 2500 प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर 4000 प्रति मानक बोरा किया गया है.

संग्रहण दर में वृद्धि

16 लघु वनोपजों का समर्थन मूल्य/संग्रहण दर में 90% तक वृद्धि हुई है. वहीं आदिवासी और वन आश्रित परिवारों की अतिरिक्त वार्षिक आय 502 करोड़ रुपये हो गई है. जबकि वनोपज संग्रहण से कुल वार्षिक आय 2600 करोड़ हुई है. वहीं वर्ष 2021-22 में देश का 88.6% वनोपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय पिछले 3 वर्षों से लगातार पहले स्थान पर है.