सत्यपाल राजपूत, रायपुर. पुरूष नसबंदी पखवाड़ा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को 3 राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है. पखवाड़ा के दौरान पुरुष नसबंदी में छत्तीसगढ़ पिछले 3 वर्षों से देश में प्रथम स्थान पर है. सर्वाधिक नसबंदी के लिए डॉ. संजय नवल और नसबंदी के लिए कई दंपत्तियों को प्रेरित करने वाली मितानिन केवरा वर्मा को पुरस्कार मिला है. यह पुरस्कार केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री ने आज नई दिल्ली में दिए. परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. टीके टोंडर एवं कंसल्टेंट डॉ. रोशन गुप्ता ने छत्तीसगढ़ की ओर से यह पुरस्कार ग्रहण किया.

प्रदेश की इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की टीम को बधाई दी है. छत्तीसगढ़ को पुरूष नसबंदी पखवाड़ा में उत्कृष्ट कार्यों के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने तीन पुरस्कारों से नवाजा है. पुरुष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान पिछले तीन वर्षों 2019 से 2021 के बीच नसबंदी में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है.

डाॅ. संजय व मितानिन केवरा सम्मानित
केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने आज नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में प्रदेश को इस उपलब्धि के लिए पुरस्कृत किया. पुरुष नसबंदी के लिए प्रदेश को दो और श्रेणियों में पुरस्कार प्राप्त हुआ है. सर्वाधिक पुरुष नसबंदी के लिए डॉ. संजय नवल को राष्ट्रीय स्तर पर द्वितीय पुरस्कार मिला है. पुरुष नसबंदी के लिए दम्पत्ति मोटिवेशन की श्रेणी में रायपुर जिले के तिल्दा की मितानिन केवरा वर्मा को पुरस्कृत किया गया है.

3 साल में 3212 पुरुषों की हुई नसबंदी
परिवार नियोजन कार्यक्रम के उप संचालक डॉ. टीके टोंडर ने बताया कि पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान पिछले तीन वर्षों में प्रदेश में 3212 पुरुषों की नसबंदी की गई है. पुरूष नसबंदी पखवाड़ा के दौरान वर्ष 2019-20 में 1695, वर्ष 2020-21 में 168 और वर्ष 2021-22 में 1349 पुरूषों ने नसबंदी कराई है. उन्होंने बताया कि नसबंदी पखवाड़ा के दौरान ग्राम स्तर से लेकर जिला स्तर तक विशेष अभियान चलाकर लोगों में पुरूष नसबंदी के प्रति फैली भ्रांतियों व मिथकों को दूर किया जाता है. ग्राम स्तर पर “मोर मितान मोर संगवारी” चैपाल का आयोजन कर पुरूषों को नसबंदी के लिए प्रेरित किया जाता है.