बिलासपुर. पदोन्नति में आरक्षण मामले में राज्य सरकार को आज हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. इस फैसले के बाद सरकार अब नियमति पदोन्नति कर सकेंगे. दरअसल, हाईकोर्ट में शासन की पदोन्नति में आरक्षण की नीति को चुनौती करते हुए याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता विष्णु प्रसाद तिवारी ने कहा था कि शासन द्वारा जारी किये गए पदोन्नति में आरक्षण अधिनियम, 201 सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित न्याय सिद्धांत के विपरीत है. जिसमें हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर को आदेश पारित करते हुए अधिनियम 2019 को स्थगन कर दिया था तथा शासन को यह अनुमति दी थी कि वह नियमित पदोन्नति कर सकते हैं.

इस आदेश को चुनौती देते हुए अन्य व्यक्ति द्वारा हस्तक्षेप याचिका प्रस्तुत की गई, जिसमें यह कहा गया कि शासन द्वारा हाईकोर्ट के आदेश 9 दिंसबंर के विरूद्ध पदोन्नति की जा रही है तथा केवल अनारक्षित वर्गों के लोगों को ही पदोन्नत किया जा रहा है.

याचिका कर्ता द्वारा यह कहा गया कि जब तक प्रकरण सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तब तक हाईकोर्ट द्वारा यथा स्थिति का आदेश पारित किया जाए.

हाईकोर्ट ने हस्तक्षेपकर्ता की मांग को अस्वीकार करते हुए शासन को यह आदेश दिया वह नियमित पदोन्नति कर सकती है. इस फैसले से राज्य शासन को बड़ी राहत मिली है. तथा आगामी समय में जो पदोन्नति रूकी हुई थी वह अब शासन द्वारा नियमित रूप से नियमों के अनुरूप किए जाएंगे.