रायपुर। भाजपा नेता और कुरूद से विधायक अजय चंद्राकर एक बार अपने विवादित ट्वीट को लेकर सुर्खियों में है. एक बार फिर छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जुड़े हुए ट्वीट कर विवादों में आ गए हैं. उनके विवादित ट्वीट पर राजनीति गरमाई गई है. सोशल मीडिया में चंद्राकर की जमकर खिंचाई हो रही है. कांग्रेस नेता लगातार चंद्राकर पर निशाना साधते उन्हें छत्तीसगढ़ी संस्कृति का विरोधी, घृणित मानसिकता के नेता बता रहे हैं.

अब अजय चंद्राकर को कांग्रेस नेता और सीएम के मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग ने करारा जवाब दिया है. उन्होंने अजय चंद्राकर के साथ आरएसएस पर भी निशाना साधा है. उन्होंने चंद्राकर को छत्तीसगढ़ी संस्कृति विरोधी बताते हुआ उन्हें संस्कार विहीन भी कहा है. उन्होंने कहा है कि लगता उनके में मन घृणित संस्कार नागपुर से आता है.  चंद्राकर ट्वीट के जवाब में उन्होंने यह लिखा है-

यकीन नहीं होता कि ये ट्वीट अजय चंद्राकर का है। वो छत्तीसगढ़ी लोकजीवन,परंपरा और ग्रामीण अर्थशास्त्र के हम जैसों से बेहतर जानकार हैं।दरअसल गोबर से घृणा जैसा यह कटाक्ष उन संस्कारों से आता है जिसकी पाठशाला नागपुर में है। जो गाय के गोबर से सिर्फ नफरत और राजनीति लीपना सिखाती है।


गौरतलब है कि राज्य सरकार ने पशुपालन और जैविक खेती को बढ़ावा देने, किसानों को आर्थिक रूप में सशक्त करने के लिए कहा है कि अब सरकार किसानों से गोबर खरीदेगी. गोबर से जैविक खाद तैयार किया जाएगा. सरकार ने गोधन न्याय योजना नाम दिया है. सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए अजय चंद्रकार एक ऐसा कटाक्ष कर बैठते कि वह विवादों में आ गए.

अजय चंद्राकर ने सरकार के फैसले पर कटाक्ष करते हुए यह ट्वीट किया था-

छत्तीसगढ़ के वर्तमान राजकीय चिन्ह को नरवा, गरवा, घुरवा, बारी की अपार सफलता और छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था में “गोबर” के महत्व को देखते हुए इसे राजकीय प्रतीक चिन्ह बना देना चाहिए.

आपको बता दें कि अजय चंद्राकर इससे पहले भी छत्तीसगढ़ी संस्कृति से जुड़े विषयों पर टिप्पणी कर विवादों में फंस चुके हैं. वे सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा-गरवा, घुरवा-बारी को लेकर भी आपत्तिजनकर टिप्पणी कर चुके हैं.