रायपुर- रमन सरकार में ताकतवर अधिकारी रहे अमन कुमार सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह को हाईकोर्ट से मिले स्टे को छत्तीसगढ़ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. स्टे के खिलाफ सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाईकोर्ट को प्रकरण में जल्द से जल्द अंतिम सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. 

बता दें कि एक वर्ष पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह की संविदा नियुक्ति की जांच के लिए पत्र लिखा गया था. मामले की जांच रोकने एवं जांच रिपोर्ट सार्वजनिक न करने अमन सिंह और यास्मीन सिंह ने बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने दोनों पक्षकारों को राहत देते हुए स्टे दे दिया था. हाईकोर्ट के स्टे को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिस पर आज सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बिलासपुर हाई कोर्ट को निर्देशित किया है कि इस मामले में जल्द से जल्द अंतिम सुनवाई करते हुए आदेश जारी करें. अमन कुमार सिंह की रिट याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देशित किया है कि 26 फरवरी 2020 तक अंतिम सुनवाई की कार्यवाही करे, जबकि यास्मीन सिंह के प्रकरण में सुप्रीम कोर्ट ने संबंधित पार्टियों को 10 मार्च 2020 तक अपना बिलासपुर हाईकोर्ट में अंतरिम स्टे पर अपना पक्ष रखने का आदेश जारी किया है.

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि-

उन्हें न्याय पर पूरा भरोसा है, और वह सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय का स्वागत करते हैं.

इधर इस मामले में छत्तीसगढ़ शासन के महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने कहा कि-

हमने हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था, जिसमें आज सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को इस मामले में जल्द सुनवाई कर अंतिम निर्णय देने को निर्देशित किया है. वहीं यह मामला सुप्रीम कोर्ट ने अपने निगरानी में रखा है.

सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश पर अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह ने बयान जारी कर कहा है कि-

सुप्रीम कोर्ट ने स्टे हटाने से मना कर दिया है, लेकिन कोर्ट ने यह जरूर कहा है कि इस मामले की जल्द से जल्द सुनवाई कर अंतिम निर्णय दिया जाए. हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं.

बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री डाक्टर रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ एसआईटी जांच के आदेश पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी. अमन सिंह के वकील ने बिना किसी एफआईआर के एसआईटी गठन को नियम विरुद्ध करार देते हुए इस पर रोक लगाने की याचिका लगाई थी. वहीं उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ गलत नियुक्ति, जरूरत से ज्यादा भुगतान किए जाने के मामले में सरकार के एसीबी जांच के आदेश पर भी हाईकोर्ट ने स्टे दिया था.