फीचर स्टोरी। चारो मुड़ा कोरोना के संकट हे. तभो ले छत्तीसगढ़ म भूपेश सरकार ह किसान मन संग जिहाँ नियाय करे म लगे, उँहे मजदूर मन ल मनरेगा म पूरा काम, तेंदूपत्ता संग्राहक मन ल समय म भुगतान अउ बेरोजगार मन ल रोजगार दे म घलोक लगे हे. सरकार ह संकट के बेरा म घलोक अपन वादा ल पूरा करे म लगे हे. फेर चाहे वादा सिक्छक भरती के ही काबर नइ होवय. सरकार बने अभी दू बछर पूरा नइ होय हे अउ सरकार ह 14 हजार 580 पढ़े-लिखे युवा मन ल रोजगार दे के आदेस जारी कर दिस. अइसन सरकार ल ही कहिथे जन हितैसी छत्तीसगढ़िया सरकार.

 

जी हाँ ये वादा था शिक्षक भर्ती का, जिसे सरकार ने संकट के बीच पूरा करके हजारों शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार की चिंता से मुक्त कर दिया है. सत्ता में आने के बाद सरकार ने रिक्त 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन निकाला था. कुछ महीनों में परीक्षा पूरी हुई और नतीजे जारी कर दिए गए. लेकिन इस बीच देश में एक भयंकर महामारी कोरोना ने दस्तक दे दी. सारा सिस्टम एक झटके में ही रुक गया. सारी व्यवस्थाएं अस्त-व्यस्त हो गई. हर तरफ बस कोरोना, कोरोना और कोरोना को लेकर चर्चा थी. छत्तीसगढ़ में भी सरकार कोरोना से बचाव की ओर जुट गई. सरकार की प्राथमिकता ये थी कि लोगों को कोरोना से सुरक्षित करना है. कोरोना का असर छत्तीसगढ़ में भयावह न हो ये जिम्मेदारी सरकार की थी. लिहाजा सरकार इस दिशा में काम करने लगी. लेकिन इसका ये मतलब नहीं रहा कि सरकार अपने किए वादों को भूल गई है. सरकार को सभी वादें याद है. सरकार वादों को एक-एक कर पूरा भी कर रही है.


अब इन वादों में फिर चाहे किसानों से किया वादा हो या फिर गाँव लौटे प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने का वादा, गौपालन और जैविक खेती को बढ़ावा देने गोबर खरीदी की बात हो या फिर शिक्षक भर्ती सौगात की. हर जगह सरकार खरी उतरी, कहीं भी अपने वादें से नहीं मुकरी. यही वजह है कि आज कोरोना जैसे वैश्विक संकट होने के बाद भी सरकार 14 हजार 580 पदों पर शिक्षकों की भर्ती कर रही है. रिक्त पदों पर भर्ती की प्रकिया की शुरुआत हो गई है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीएड-डीएडधारी नौजवानों की मांग को संकट के बावजूद पूरा कर दिया है. मुख्यमंत्री ने तत्काल शिक्षा विभाग को नियुक्ति आदेश जारी करने को कहा और इस पर आज अमल भी शुरू हो गया है. मुख्यमंत्री की ओर से संज्ञान लिए जाने और दिए गए निर्देश के बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती की प्रकिया की शुरुआत कर दी है.

जानिए स्कूल शिक्षा विभाग की प्रकिया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग के सहमति के बाद 14 हजार 580 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किया गया है. शिक्षकों की नियुक्ति आदेश राज्य शासन द्वारा स्कूल खुलने के आदेश जारी होने के उपरांत ही जारी किए जाएंगे. स्कूल शिक्षा विभाग को वित्त विभाग द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति की अनुमति शर्तो के साथ प्रदान की है. स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि ’नियुक्ति किसी न्यायालय में लंबित अथवा भविष्य में दायर किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अध्याधीन होगी’. नियुक्ति आदेश प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी के लिए पृथक-पृथक जारी किए जाएंगे. नियुक्ति आदेश में शिक्षकों की वरिष्ठता व्यापम द्वारा जारी प्रावीण्य सूची के क्रमानुसार रहेगी. शिक्षकों की परीक्षा अवधि तीन वर्ष की होगी. राज्य शासन द्वारा परिवीक्षा अवधि के दौरान देय वेतन और अन्य लाभों के संबंध में जारी नियम लागू होंगे.

शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शामिल शर्तो में प्रत्येक नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा व्यापम की प्रावीण्य सूची के क्रम में विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार प्रावधिक चयन सूची जारी की जाएगी. प्रावधिक चयन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों को नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा. इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि दस्तावेज सत्यापन के समय कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित भारत सरकार और राज्य सरकार के सेनेटाइजेशन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखें आदि के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए.

जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित होते हैं, उन्हें जिला चिकित्सा बोर्ड से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निर्देश दिया जाएगा और पुलिस वेरिफिकेशन हेतु संबंधित का प्रकरण भेजा जाएगा. प्रावधिक चयन सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को दस्तावेज सत्यापन के लिए नियुक्तिकर्ता अधिकारी के कार्यालय में सभी दस्तावेजों सहित निश्चित तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा. अभ्यर्थी की उपस्थिति का दिन सूचना पत्र जारी होने के कम से कम 20 दिन बाद का रखा जाएगा. यदि किसी कारणवश कोई अभ्यर्थी निर्धारित तिथि को उपस्थित न हो सकें तो वह नियुक्तिकर्ता अधिकारी के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत करके किसी अन्य दिन उपस्थित होने का अनुरोध कर सकेगा. यदि ऐसा अनुरोध उपस्थिति के लिए निश्चित तिथि से 10 दिन के भीतर प्राप्त होता है, तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी उस अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन के लिए कोई अन्य तिथि निश्चित कर सकेगा.

जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नही होता है अथवा जो अभ्यर्थी सूचना प्राप्ति के बाद भी दस्तावेज सत्यापन के लिए उपस्थित नही होते हैं, उन्हें लिखित रूप से सूचित किया जाएगा कि, विज्ञापन में निर्धारित मापदंडों के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होने के कारण उन्हें नियुक्ति के योग्य नहीं पाया गया और ऐसे अभ्यर्थियों का नाम प्रावधिक चयन सूची से काट दिया जाएगा. अभ्यर्थियों को दी जाने वाली सूचना मेें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि, कौन से अनिवार्य दस्तावेज सत्यापित नहीं हुए.
जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नियमानुसार पूर्ण होगा उन्हें इस बात की लिखित सूचना दी जाएगी कि, उनका प्रकरण मेडिकल फिटनेस एवं सेवा पूर्व पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजा जा रहा है. यह दोनों प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनके लिए पृथक से नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा. पत्र में इस बात का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि यह पत्र नियुक्ति आदेश नहीं है. संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित नियुक्तिकर्ता अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश तैयार किया जाएगा. दस्तावेज सत्यापन उपरांत उन पात्र चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा फिट पाया गया है तथा जिनके पुलिस वेरिफिकेशन में प्रतिकूल टीप नहीं पाई गई है.

 डीएड एवं बीएड संघ ने जाताया आभार

शिक्षक भर्ती की प्रकिया शुरू होने के बाद बीएड-डीएड संघ के पदाधिकारी मुख्यमंत्री निवास पहुँचे. संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री मुलाकात कर उनका आभार जताया है.  संघ के पदाधिकारियों ने इस मौके पर कहा कि यह एक ऐतिहासिक निर्णय है. संघ पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपके नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोना संकट काल में शिक्षकों की भर्ती की अनुमति देकर पूरे देश के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर

संघ के अध्यक्ष दाउद खान ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद यह पहला अवसर जब हजारों की संख्या में शिक्षकों की भर्ती हो रही है. 23 साल के बाद इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती हो रही है यह शिक्षित बेरोजगारों के साथ न्याय है.  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह निर्णय शिक्षित युवाओं के रोजगार के प्रति उनकी संवेदनशीलता का परिचायक है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने राज्य में नियमित शिक्षकों की भर्ती का निर्णय लेकर शिक्षा के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है. संघ की ओर से और हजारों शिक्षित युवाओं की ओर मैं मुख्यमंत्री का बहुत-बहुत आभार जताता हूँ. सच में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने संकट के बीच साहसिक निर्णय के लेकर हम सबकों एक नई उर्जा प्रदान की है.