रायपुर- छत्तीसगढ़ में किसानों की आत्महत्या के बढ़ते मामलों पर चिंतित सरकार ने सभी जिलों में किसान मितान केंद्र खोले जाने का निर्णय लिया है. राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों और संभाग आयुक्तों को निर्देश देते हुए कहा है कि किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए तत्काल किसान मितान केंद्र की स्थापना की जाए.

प्रदेश में बीते एक पखवाड़े में करीब दर्जन भर किसानों ने आत्महत्या की है. प्रशासनिक रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आया है कि ज्यादातर किसानों ने पारिवारिक कारणों से आत्महत्या की है. किसान मितान केंद्र की स्थापना के पीछे सरकार की दलील है कि अकारण भटकाव, भ्रम या संशय होने की स्थिति निर्मित होने से विशेष तौर पर किसान परेशानी अनुभव करते हैं। ऐसे में एक छत के नीचे किसानों को त्वरित प्रासंगित जानकारी प्राप्त हो सके.

राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने अपने जारी आदेश में कहा है कि जिला मुख्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया जाये, जिसे किसान मितान केंद्र के रूप में पहचाना जाएगा. एक टोल नंबर जारी किया जाए. किसान मितान केंद्र में राजस्व, कृषि, सहकारिता, ग्रामीण विकास विभाग, सहकारी बैंक, ऊर्जा, जल संसाधन विभाग के अधिकारियों की ड्यूटी लगाई जाए.

किसान मितान केंद्र खोले जाने की जानकारी टोल नंबर के साथ सामाचार पत्रों, वाल राइटिंग, शासकीय कार्यक्रमों तथा विभागीय अमले के जरिए व्यापक प्रचार-प्रसार के जरिए किया जाये. निर्देश में कहा गया है कि किसान मितान केंद्र में फोन के माध्यम से जानकारी चाहने वाले या व्यक्तिगत उपस्थित होकर जानकारी चाहने वाले किसानों की काउंसलिंग की जाए. किसानों की समस्याओं को धैर्य से सुना जाए. साथ ही शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी जाए. किसान मितान केंद्रों के जरिए ये सुनिश्चित किया जाए कि किसानों की समस्याओं का निराकरण हेतु उन्हें आश्वस्त किया जाए.

सरकार ने ये भी कहा है कि यदि शासन की योजनाओं के तहत किसानों की समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा हो, तो ऐसी स्थिति में कलेक्टर के जरिए शासन तक उन समस्याओं की जानकारी पहुंचायी जाए.