रायपुर. छत्तीसगढ़ में 9वां अंगदान हुआ है. रामकृष्ण अस्पताल में आज ब्रेन डेथ घोषित होने पर गोसाई परिवार ने 54 वर्षीय मुन्नी गोसाई का अंगदान कर 5 लाेगों की जान बचाई है. मुन्नी के फेफड़े को ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पुणे की 45 वर्षीय महिला को दान कर उन्हें नया जीवन दिया गया. मुन्नी गोसाई के बच्चे बताते हैं कि उनकी मां का जन्म राजनंदगांव में हुआ था और वो बहुत ही नेक दिल इंसान थीं. शुरू से ही अपने अंगों को दान में देने के लिए उत्साहित थीं. उन्होंने और उनके परिवार ने कई बार रक्तदान जैसे नेक कार्यों में भी भाग लिया है. मुन्नी का पूरा परिवार गंडई का रहवासी है.

मुन्नी गोसाई का अचानक तबियत खराब होने पर उन्हें गंडई में ही भर्ती किया गया, मगर वहां वेंटीलेटर की सुविधा न होने की वजह से उन्हें 10 तारीख की सुबह रायपुर के रामकृष्ण अस्पताल में भर्ती किया गया. 11 अगस्त को रामकृष्ण अस्पताल ने उन्हें ब्रेन डेथ घोषित किया, जिसके बाद परिवार की सहमति से अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई, जिसमें एक किडनी एम्स रायपुर को और एक किडनी रामकृष्ण को डोनेट किया गया. वहीं उनका लीवर भी रामकृष्ण को मिला. आंखें डॉ भीमराव आंबेडकर स्मृति चिकित्सालय को सौंपा गया. छत्तीसगढ़ की इस महतारी ने अपने फेफड़े पुणे की 45 वर्षीय महिला को दान करके उन्हें नया जीवन दान दिया है.

छत्तीसगढ़ में बीते दिन फेफड़ों के लिए क्षेत्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन ने अलर्ट जारी किया था. इसके बाद डॉ. डीवाई हॉस्पिटल पिम्परी पुणे की 45 वर्षीय महिला को प्रत्यारोपण के लिए चुना गया. डॉ. डीवाई हॉस्पिटल पिम्परी पुणे की टीम सुबह ही एयर एम्बुलेंस से समय पर पहुंचकर सही समय पर मरीज के शरीर से फेफड़ों को ज़रूरतमंद तक पहुंचाया. इस बार फिर पुलिस की मदद से रामकृष्ण हॉस्पिटल से एयरपोर्ट तक तत्काल अंगों की आवाजाही के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और समय पर सुरक्षित तरीके से पुणे तक छत्तीसगढ़ महतारी के फेफड़े पहुंचाए गए.

छत्तीसगढ़ के इस पहले अंतर राजकीय फेफड़ों के प्रत्यारोपण पर प्रदेश के सभी लोग बहुत प्रफुल्लित हैं और सभी इसे अंगदान की वृद्धि की तरफ एक अच्छी पहल मान रहे हैं. इस पूरे अंगदान में रामकृष्ण के ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर उमाशंकर, डॉ. निकिता श्रीवास्तव और एम्स रायपुर से एन विशोक, अम्बे पटेल, विनीता पटेल अंगदानी परिवार के लिए सजग और सहयोगी रहे हैं. राज्य अंग एवं ऊतक प्रत्यारोपण संगठन के संचालक प्रोफ डॉ. विनीत जैन ने भी इस मौके को अंतरराजकीय अंगदान सेवाओं की अहम पहल बताया है. राज्य नोडल अधिकारी डॉ. कमलेश जैन ने पूरी अंगदान एवं प्रत्यरोपण करवाने वाली सभी हॉस्पिटल्स की टीम को बधाई दी है.

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