रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी भले इस दुनिया में नहीं रहे, लेकिन उनके जाति का मसला अभी भी ज़िंदा. जाति का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है. जोगी तो रहे नहीं तो अब उनकी लड़ाई उनकी पत्नी रेणु और बेटे अमित जोगी लड़ेंगे. जोगी परिवार की ओर से इस मसले को लेकर हाईकोर्ट में एक आवेदन भी दिया गया है.
अमित जोगी ने इस मसले पर प्रेस नोट जारी कहा है-
विदित हो कि जाति मामले में राजनीतिक द्वेष से ग्रसित हाई पावर कमिटी द्वारा 23 अगस्त 2019 को दिए गए अन्यायपूर्ण निर्णय के विरुद्ध अजीत जोगी ने माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में रिट पिटीशन लगाई थी. याचिकाकर्ता मेरे पिता अजीत जोगी के स्वर्गवास के कारणवश, उनके कानूनी उत्तराधिकारी होने के नाते, अन्याय के विरुद्ध जारी इस लड़ाई को मैं और मेरी माँ डॉ. रेणु जोगी जी आगे बढ़ाएंगे. इस संबंध में 22 जून 2020 को हम दोनो ने माननीय उच्च न्ययालय, बिलासपुर में याचिकाकर्ता बनने आवेदन दाखिल किया है.
अमित जोगी ने कोर्ट में आवेदन लगाने की जानकारी साझा करने के साथ यह भी कहते हैं-
“मैं पापा के विरुद्ध षड्यंत्रकारियों को बता देना चाहता हूँ कि वो चाहे कितनी भी मेहनत करें, आदिवासी मान और अस्तित्व का बाल भी बांका नही कर पायेंगे। मेरे पिता जी का नाम ‘अजीत’ है. वो अपने जीवन में कभी अन्याय से नही हारे और न उनके जाने के बाद हम उनके मान और पहचान को हारने देंगे. वो योद्धा थे और हमे भी अन्याय के विरुद्ध लड़ने निपुण बना गए. जब तक है ये जहान, अजीत जोगी जी का ऊँचा रहेगा मान.”
दरअसल अजीत जोगी की जाति को लेकर बीते कई वर्षों से छत्तीसगढ़ में सियासी बवंडर मचा हुआ है. कई तरह से जाँच होने, कोर्ट में कई मर्तबा सुनवाई होने के बाद भी अभी तक पूरी तरह से जाति का मसला सुलझ नहीं पाया है. अब इस मामले में रेणु और अमित जोगी ने हाईकोर्ट के समक्ष आवेदन पेश कर एक बार फिर से जोगी की जाति के विषय को उठाकर राजनीतिक गलियारे में इसे चर्चा में ला दिया है.