वीरेंद्र गहवई,बिलासपुर। आबकारी विभाग के पूर्व ओएसडी समुद्र सिंह की जमानत याचिका पर मंगलवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने समुद्र सिंह की जमानत याचिका पर फैसला रिजर्व रख लिया है. समुद्र सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी.  समुद्र सिंह पिछले 6 महीने से जेल में बंद हैं.

हालांकि इससे पहले हाईकोर्ट ने समुद्र सिंह की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया था. उन पर आबकारी आयुक्त के पद पर रहते हुए निजी शराब कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगा है. जिस कारण सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) और आर्थिक अपराध शाखा (EOW) की छापेमार कार्रवाई में 100 करोड़ रुपए की बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ था.

बीजेपी शासनकाल में रिटायर होने के बाद समुद्र सिंह को संविदा नियुक्ति दी गई थी. उनके खिलाफ 2 साल पहले रायपुर के कांग्रेस नेता नितिन भंसाली ने शिकायत की. जिस पर उनके विरुद्ध जांच शुरू हुई, जांच में शराब निर्माता कंपनियों को लाभ पहुंचाने शासन को करोड़ों रुपए का चूना लगाने की बात सामने आई. उन्होंने ऐसी नीतियां बनाई कि शराब निर्माताओं को ज्यादा लाभ पहुंचाया जा सके. भाजपा सरकार में रिटायरमेंट के बाद करीब 9 सालों तक संविदा में समुद्र सिंह ने अपनी सेवाएं दी, लेकिन कांग्रेस सरकार बनते ही उन्होंने अपने संविदा के पद से इस्तीफा दे दिया था.

कांग्रेस नेता की शिकायत पर ACB, EOW ने समुद्र सिंह के कई ठिकानों पर छापा मारा. जिसमें 20 से ज्यादा मकान, बंगलों के दस्तावेज मिले. इसके अलावा अनूपपुर में 70 एकड़ का फार्म हाउस, पेट्रोल पंप और नगद बरामद की गई. 100 करोड़ की बेनामी संपत्ति देश के कई इलाकों में खरीदी गई थी. छापामार कार्रवाई के दौरान समुद्र सिंह फरार हो गए. करीब डेढ़ साल बाद पिछले साल नवंबर में बोरिया कला में घर से उन्हें गिरफ्तार किया गया. जिसके बाद वे रायपुर जेल में हैं.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus