रायपुर. प्राकृतिक सौंदर्य और कुदरती आकर्षण से लबरेज छत्तीसगढ़ साय सरकार के दिशा निर्देश पर बहुत जल्द देश के मानचित्र में एक बेहतरीन पर्यटन स्थल के रूप में उभरने वाला है। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले का खूबसूरत दुड़मा वॉटरफॉल यशस्वी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से अब न केवल स्थानीय लोगों के बीच बल्कि राज्यभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बन गया है। इस वॉटरफॉल के आसपास के जंगल अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए पहले ही प्रसिद्ध था मगर पर्यटन स्थल बनाने के बाद यहां का वातावरण पर्यटकों को शारीरिक और मानसिक रूप से तरोताजा रखने का काम कर रहा है।

दुड़मा जलप्रपात जिला मुख्यालय सुकमा से लगभग 28 किलोमीटर दूर छिंदगढ़ विकासखंड के ग्राम पंचायत चिपुरपाल में है।साय सरकार की कोशिशों के बाद ये गुमनाम सी जगह आज सभी के जेहन में छाने लगी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पर्यटन को प्रोत्साहन देने के लिए किए जा रहे प्रयासों का यह एक बेहतरीन उदाहरण है। दुड़मा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल बनाने का खूब विचार आया। साय सरकार के एक साल में ही जो हो गया वो बहुत पहले पिछली सरकारों में ही हो जाना चाहिए था, क्योंकि दुड़मा वॉटरफॉल की भौगोलिक स्थिति ही कुछ ऐसी है कि उसे पर्यटन स्थल होना ही था।

दुड़मा जलप्रपात छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के घने जंगलों के बीच स्थित दुड़मा वॉटरफॉल, पूर्वी घाट की पर्वत शृंखला का हिस्सा है, जिसे छत्तीसगढ़ के दक्षिणी क्षेत्र का हिस्सा माना जाता है। झरनों, नदियों और वनों से भरपूर इस क्षेत्र के प्राकृतिक सौंदर्य और हरे-भरे सागौन के जंगल से अब सैलानी अभिभूत हो रहे हैं। दुड़मा वॉटरफॉल लगभग 25-30 मीटर की ऊंचाई से गिरता है. बारिश के मौसम में झरने की सुंदरता अपने चरम पर होती है। दुड़मा वॉटरफॉल केवल एक जलप्रपात नहीं है, बल्कि यह एक पारिस्थितिकीय खजाना भी है। यहां का घना जंगल विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधों के साथ तरह-तरह के जंगली जानवरों और पक्षियों के लिए भी आवास बना हुआ है। टुरिस्ट प्लेस बनाए जाने के बाद आसपास की घाटियां और पहाड़ियां ट्रेकिंग व फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए आदर्श स्थान बना हुआ है.

इसके अलावा यहां पाए जाने वाली दुर्लभ वनस्पतियों और मिलने वाले पक्षियों ने इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए पसंदीदा जगह बना दिया है। छत्तीसगढ़ की सरकार और जिला प्रशासन की पहल से दुड़मा वाटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर मूलभूत सुविधाओं से सुसज्जित किया गया है। यहां तक पहुँचने के लिए पक्की सड़क, मिनी गार्डन, दुकानों, पेयजल, शौचालय और बैठने की व्यवस्था जैसी सुविधाएं पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराई गई है। दुड़मा वाटरफॉल की प्राकृतिक सुंदरता सोशल मीडिया पर भी वायरल है। वीडियो मेकर्स और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स ने इस स्थल की मनमोहक तस्वीरों और वीडियो को साझा कर इसे और भी लोकप्रिय बना दिया है।

दुड़मा वॉटरफॉल के आसपास के क्षेत्र में मुख्यतः गोंड और मुरिया जनजातियाँ निवास करती है। इन समुदायों की जीवनशैली प्रकृति पर आधारित है, और यह झरना उनके लिए धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की वस्तु है।स्थानीय जनजातियों का मानना है कि दुड़मा वॉटरफॉल एक पवित्र स्थल है, और वे इसके पास विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान करते हैं। पर्यटकों के आगमन से इन जनजातियों को रोजगार के अवसर मिलते हैं। वे पर्यटकों को गाइड बन कर अपनी सेवाएँ देते हैं उन्हें हस्तशिल्प वस्तुएँ और पारंपरिक व्यंजन उपलब्ध कराते हैं इससे जहां सैलानियों को इनके विषय में और भी जानने समझने का मौक़ा मिलता है वही क्षेत्रीय जनजातियों की आर्थिक स्तर में सुधार होता है।

यह जलप्रपात हर उम्र के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है, चाहे वह प्रकृति प्रेमी हों या एडवेंचर के शौकीन। दुड़मा वाटरफॉल को बेहतर बनाने के लिए जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यहाँ आने वाले पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मूलभूत ढांचे को और मजबूत किया गया है। इसके अलावा, पर्यटन विभाग भविष्य में और अधिक सुविधाओं को जोड़ने की योजना बना रहा है।दुड़मा वॉटरफॉल के आसपास के क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं जैसे बेहतर सड़क और परिवहन सुविधाएँ, पर्यटकों के लिए ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था,गाइड सेवाओं को औपचारिक रूप देना ,पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान चलाना।इसके अलावा, स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को भी पर्यटन का हिस्सा बनाया जा रहा है, ताकि पर्यटक इस क्षेत्र की समृद्ध विरासत से परिचित हो सकें।
छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक संपदा में दुड़मा वाटरफॉल ने एक नई पहचान बनाई है दुड़मा वाटरफॉल छत्तीसगढ़ के पर्यटन मानचित्र पर एक नाए नक्षत्र के रूप में उभरा है।