वीरेन्द्र गहवई, बिलासपुर. जेलों में क्षमता से अधिक कैदियों की भीड़ व उनके रहने की अमानवीय परिस्थितियों को लेकर जनहित याचिकाओं पर शासन की ओर से सोमवार को डीजीपी ने हाईकोर्ट (Bilaspur Highcourt) में शपथपत्र प्रस्तुत किया. इसमें बताया कि प्रदेश की जेलों में क्षमता से 5 हजार 600 कैदी अधिक हैं. प्रदेश में नई जेलों का निर्माण कराया जा रहा है.


इसे भी पढ़ें : चुनाव आयोग की बड़ी कार्रवाई : छत्तीसगढ़ की 7 राजनीतिक पार्टियाें की मान्यता रद्द, जानिए कौन-कौन दल नहीं लड़ पाएंगे चुनाव
जेलों में खराब हालत पर चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच में सुनवाई की गई. राज्य शासन की ओर से पुलिस महानिदेशक ने शपथपत्र में बताया कि पूरे प्रदेश की जेलों में 20 हजार से अधिक कैदी सजा काट रहे हैं. कोर्ट को यह भी बताया गया कि जेलों का निर्माण पूरे राज्य में तेजी से चल रहा है. बेमेतरा का जेल भवन पूरा हो गया है. अम्बिकापुर में 200 कैदियों की क्षमता के नये बैरक तैयार कर लिए गए हैं.
7वीं बार नये सिरे से टेंडर
बिलासपुर सेन्ट्रल जेल में नये भवन निर्माण के लिए अब तक 6 बार टेंडर निकाला गया है. अब तक किसी कंपनी ने इसे लेने में रुचि नहीं दिखाई. अब सातवीं बार नये सिरे से टेंडर बुलाया जा रहा है. चीफ जस्टिस ने सुनवाई के बाद इस मामले में शासन से नया शपथपत्र प्रस्तुत करने को कहा है. अगली सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित की गई है.
उल्लेखनीय है कि जेलों में अमानवीय परिस्थितियों को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. इस बीच जेल में उगाही, मारपीट की घटना सामने आने पर कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की. लगातार चल रही सुनवाई में पहले शासन ने बताया था कि जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य व अन्य सुविधाओं को लेकर काम किया जा रहा है. इसी तरह रायपुर व बिलासपुर जिले में विशेष जेलों की स्थापना व बेमेतरा में खुली जेल शुरू करने की बात कही गई.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें