रायपुर। मोदी सरकार की ओर से लाए गए कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आक्रोश खत्म ही नहीं हो रहा है। बीते माह भर से किसान अलग-अलग तरीके से अपना विरोध जारी रखे हुए हैं। पंजाब से लेकर छत्तीसगढ़ तक किसानों का प्रदर्शन जारी है। छत्तीसगढ़ में आज किसानों ने इस कड़ी में राष्ट्रीय राजमार्ग में चक्काजाम किया।

कृषि कानून के विरोध में और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसल खरीदी की गारंटी का कानून बनाने की मांग को लेकर 350 संगठनों के राष्ट्रीय किसान समन्वय संघर्ष समिति द्वारा राष्ट्रव्यापी चक्काजाम किया गया है। इस चक्काजाम में छत्तीसगढ़ के 50 से भी अधिक किसान एवम सामाजिक संगठन संयुक्त रूप से गुरूवार को प्रदेश के अनेक स्थानों में धरना प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया।

प्रदेश में इन स्थानों पर भी किसानों का फूटा गुस्सा

इसके तहत प्रदेश के अनेक राष्ट्रीय राजमार्ग एवम राज्य मार्ग पर जगदलपुर-धमतरी- रायपुर, राजनांदगांव-दुर्ग-रायपुर, बिलासपुर-रायपुर, सरायपाली-महासमुन्द-रायपुर, रायपुर-अम्बिकापुर-वाराणसी, कोरबा-बिलासपुर, भाटापारा-बलौदाबाजार-रायपुर आदि राष्ट्रीय राजमार्गों सहित विभिन्न मार्गों में प्रदर्शन करते हुए चक्काजाम किया।

मुंबई-हावड़ा नेशनल हाईवे में चक्काजाम

राजधानी रायपुर में सेरीखेड़ी के पास मुंबई-कलकत्ता राष्ट्रीय राजमार्ग में आज किसानों ने आज मोदी सरकार के कृषि कानून के विरोध में चक्काजाम किया। राज्यव्यापी इस आंदोलन का समर्थन किसान सहित 30 संगठनों ने किया। कांग्रेस ने भी कृषि कानून के विरोध में आयोजित विरोध का समर्थन किया है। रायपुर के साथ राज्य के कई जिलों में इसी तरह से किसानों अपना विरोध जताया है। आक्रोशित किसान नेताओं ने मोदी सरकार के खिलाफ भी नारे लगाए।

राजधानी रायपुर के सेरीखेड़ी में शामिल हुए संचालक मंडल के संकेत ठाकुर सहित अन्य सदस्यों ने कहा कि भाजपा धान खरीदी के नाम पर केवल राजनीति ही कर रही है क्योंकि जब वह सत्ता में थी तो 2015 में धान खरीदी की सीमा 25 क्विंटल प्रति एकड़ से घटाकर 10 क्विंटल प्रति एकड़ कर दी थी और किसान आंदोलन के दबाव में 14 क्विंटल 80 किलो प्रति एकड़ की, जो आज भी जारी है। इस प्रकार 10 क्विंटल प्रति एकड़ का नुकसान भाजपा की सरकार ने किया था । भाजपा की केन्द्र सरकार भी किसानों को सभी जगह न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारण्टी देने के मूड में नहीं है। ऐसे में किसान दोनों दलों के राजनीतिक पाट में पिसे जा रहे हैं। केन्द्र एवं राज्य सरकार की कारपोरेट परस्त तथा किसान, कृषि व उपभोक्ता विरोधी नीतियों के खिलाफ किसान लामबंद हो रहे हैं।

महासमुंद में घोराडी पुल के पास चक्काजाम

महासमुंद में किसानों ने घोडारी पुल के पास नेशनल हाइवे में चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। चक्काजाम के पूर्व किसानों ने नेशनल हाइवे के बाजू में सभा का आयोजन किया गया। सभा को संबोधित करते हुए किसान भुगतान संघर्ष समिति के संयोजक व जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चन्द्राकर ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाये गए कथित कृषि कानून किसान, कृषि आम उपभोक्ता विरोधी और कारपोरेट घरानों को लाभ पहुंचाने वाली कानून है। इस कानून का विरोध अध्यादेश लाये जाने के समय से ही हो रहा है जो एक देशव्यापी किसान आंदोलन का स्वरूप ले चुका है। देश भर के 360 से अधिक किसान संगठनों के समन्वय से बनी अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राष्ट्रीय आह्वान पर छत्तीसगढ़ में किसानों , मजदूरों व प्रगतिशील सामाजिक संगठनों जैसे 25 संगठन छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ में शामिल है जो लगातार किसानों के हित में लड़ाई लड़ रही है।

दुर्ग में मिनी माता चौक में प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ प्रगतिशील किसान संगठन द्वारा दुर्ग के मिनी माता चौक में सैकड़ों किसानों द्वारा 12 बजे से एक घंटा तक चक्काजाम किया गया, चक्काजाम आंदोलन में संगठन के दुर्ग जिला और बालोद जिला के किसान शामिल हुए, महिला किसान भी अच्छी संख्या में शामिल हुई।