सुप्रिया पांडे,रायपुर। आमतौर पर लोगों की यही सोच होती है कि एक किसान सिर्फ खेती कर सकता है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे किसान के बारे में बताने जा रहे है जो न सिर्फ खेती करते है, बल्कि बतौर शिक्षक के रुप में बच्चों को पढ़ाने का काम भी करते है. दरअसल छत्तीसगढ़ के जशपुर के रहने वाले किसान ने लॉकडाउन के दौरान गरीब बच्चों में शिक्षा की अलख जगा रहे है.
छत्तीसगढ़ के स्कूलों के बच्चों को सरकार डिजिटल शिक्षा दे रही है. स्कूल के प्रधान पाठ्कों के द्वारा व्हाट्सएप के ग्रुप के माध्यम से मार्गदर्शन दिया जा रहा है. इसी का फायदा ग्राम पंचायत सुरेशपुर के ठेलुपारा निवासी रंजित कुजुर ने उठाया है. किसान होकर भी न सिर्फ खुद के बच्चों को बल्कि अपने आस पास के बच्चों को भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराते है और घर की बाड़ी में पेड़ के नीचे छांव में बच्चों को रोजाना शिक्षा दे रहे हैं.
इस मामले में किसान रामजीत ने बताया कि उनकी शिक्षा अधूरी रह गई जिससे वो कुछ नहीं कर सके. लेकिन बच्चे आगे बढ़े और पढ़े यही सोचकर वो लॉकडाउन के दौरान बच्चों पढ़ाना शुरु कर दिया. उन्होंने बताया कि स्कूल की छुट्टी होने की वजह से बच्चे घर से बाहर निकलकर घूम रहे हैं. इसीलिए करीब 15 बच्चों को इकठ्ठा कर पढ़ाना शुरु किया. पढ़ाने के लिए छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की पुस्तकें ऑनलाइन मिल जाती है. उसी से देखकर पहली से आठवीं तक के बच्चे पढ़ाते हैं.
किसान रामजीत की यह पहल वाकई सराहनीय है. वो भी ऐसे वक्त पर जब बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हो और घरों में कैद हो. बच्चे भी खुशी से पढ़ते हैं और उनकी बात मानते हैं.