शिवम मिश्रा,रायपुर। मरवाही विधानसभा उपचुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने जेसीसी-जे अध्यक्ष अमित जोगी और ऋचा जोगी का नामांकन पत्र निरस्त कर दिया है. नामांकन रद्द किए जाने पर जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं राजधानी रायपुर के बूढ़ातालाब में मुख्यमंत्री भूपेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने सीएम बघेल का पुतला भी दहन करने की कोशिश की गई. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झूमाझटकी भी हुई. राज्य सरकार पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप लगाया गया और अवैधानिक रूप से जोगी परिवार का नामांकन रद्द करने की बात कही गई.

जेसीसी-जे नेता प्रदीप साहू का कहना है कि छत्तीसगढ़ में जिस दिन से भूपेश बघेल की सरकार आई है. उस दिन से यहां कानून का नहीं गुंडाराज चल रहा है. जोगी कांग्रेस ने हर साल 17 अक्टूबर को लोकतंत्र के काला दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया है. छत्तीसगढ़ में लोकतंत्र की हत्या की गई है. अमित जोगी मरवाही के विधायक थे. लेकिन उसके बावजूद भूपेश बघेल की सरकार ने अमित जोगी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया. जिसके विरोध में हम भूपेश बघेल का पुतला दहन करने आए थे, लेकिन पुलिस ने करने नहीं दिया, जिसके बाद मुख्यमंत्री के पोस्टर को बूढ़ातालाब में ठंडा कर दिया गया.

उन्होंने भूपेश बघेल को चुनौती देते हुए कहा कि अगर आप में हिम्मत थी, तो चुनाव लड़कर जनता की अदालत में फैसला देख लेते कि, कौन सच और कौन झूठ है ? आखिर क्यों कर रहे हैं आप लोकतंत्र की हत्या ? आखिर क्यों जोगी परिवार को आप मरवाही से बाहर करना चाहते हैं ? चाहे आप कितनी भी कोशिश कर लें, अजीत जोगी दल के नहीं दिल के नेता थे और मरवाही के दिल में हमेशा रहेंगे. भूपेश बघेल के विरोध में प्रदेश भर में भूपेश बघेल का पुतला दहन किया जाएगा.