सुशील सलाम,कांकेर। 20 साल के युवा छत्तीसगढ़ में विकास के दावे पहले तत्कालीन भाजपा सरकार अब वर्तमान में कांग्रेस सरकार खूब कर रही है. दोनों ही सरकार ने विकास के झूठे दावे कर अपनी पीठ खूब थपथपाई, लेकिन इनके विकास के दावे आज उस वक़्त खोखले नज़र आ रहे है, जब स्वास्थ्य सुविधा के अभाव में एक 12 साल की मासूम को बीमार हालात में अस्पताल पहुंचने के पहले 5 किलोमीटर पैदल सफर करना पड़ा, फिर नदी के किनारे एक घण्टे बैठकर नाव का इंतज़ार करना पड़ा, तब कहीं जाकर नाव के सहारे यह मासूम अस्पताल पहुंच सकी. मामला कांकेर जिले में धुर नक्सल प्रभावित संगम इलाके का है.

जिले के कंदाडी ग्राम पंचायत का आश्रित ग्राम आलदण्ड की रहने वाली 12 साल की मानकी की तबियत बुधवार रात अचानक बिगड़ गई. गांव में इलाज के नाम पर कोई सुविधा नहीं है. ऐसे में रात भर मानकी बीमार हालात में तड़पती रही. सुबह होते ही परिजन उसे 5 किलोमीटर पैदल सफर कर बेचाघाट पहुंचे, यहां कोटरी नदी में आज भी पुल नहीं है. जिसके चलते नाव के सहारे नदी पार करनी पड़ती है.

बीमार मानकी को लेकर जब परिजन पहुंचे तो यहां नाव भी नहीं थी, जिसके कारण एक घण्टे तक नदी किनारे ही परिजन इंतज़ार करते रहे, जब नाव तट पर पहुंची तब नदी पार कर बीमार मानकी को लेकर छोटे बेठिया उप स्वास्थ्य केंद्र पहुचे, जहां मानकी को इलाज के लिए भर्ती करवाया गया है.

हैरान करता है ऐसा दृश्य जहाँ एक तरफ शहर के विकास 4 गुना तेज़ी से हो रहे है. बड़े बड़े ब्रिज बन रहे है. शहरों में बड़े बड़े अस्पताल बनाये जा रहे है. वही ग्रामीण क्षेत्रों में एक पुल तक ग्रामीणों को नसीब नहीं है. शिक्षा और स्वास्थ्य गांव गांव तक पहुंचाने के दावे सरकार करती है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. मानकी के साथ जो कुछ घटा यह तस्वीर शासन प्रशासन को आइना दिखा रही है कि आपका विकास सिर्फ शहरों और ग्रामीणों क्षेत्रों में कागजों तक सिमट कर रह गया है.

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