प्रदीप गुप्ता,कवर्धा। 73 साल के बुजुर्ग सुकाल निशाद और 67 साल की महिला गौरतहिन बाई ने 50 साल तक लिव-इन रिलेशनशीप में रहने के बाद अपनी जीवन साथी से हिंदु रीति-रिवाज शादी कर ली है. इन दोनों की शादी में उनके दो बेटे, एक बेटी, 15 नाती-पोते और पूरा गांव शामिल हुआ. गांव के नव निर्वाचित सरपंच ने महिला (वधु) का कन्यादान किया. गांव में ही सरपंच के घर से बारात निकाली गई. विवाह के बाद वर-वधु की शादी में शामिल लोगों ने उपहार भी दिया. पूरी खबर कवर्धा जिले के गांव खैरझिटी की है.

दरअसल करीब 50 साल पहले सुकाल किसी रिस्तेदार के लिए बेमेतरा जिले के पास गांव में लड़की देखने गया था. इसी दौरान गौतरहिन बाई को सुकाल निशाद ने मन ही मन पसंद कर लिया और कुछ समय बाद छत्तीसगढ़ी परंपरा अनुसार चूड़ी पहनाकर उसे अपने साथ पत्नी रूप में रखने लगे. लेकिन इन्होंने शादी नहीं किया था.

बेटा-बेटी के साथ सुकाल निशाद और गौरतहिन बाई

बुजुर्ग सुकाल बताते है कि परिस्थति खराब होने के कारण परिवार वाले शादी करने में सक्षम नहीं थे. ऐसे में परिवार और समाज के लोगों की सहमति से चूड़ू पहनाकर अपने साथ पत्नी के रूप में रखने लगा. इस बीच दोनों के दो बेटे और एक बेटी हुई. बच्चे बड़े भी हुए तो सभी का विवाद हिन्दु रिति-रिवाज से किया. अब उसके 15 से ज्यादा नाती-पोते है. सुकाल की उम्र अब 73 साल से अधिक हो रही हैं.

गांव के ही अन्य जानकारों ने उन्हें हिन्दु रीति-रिवाज से विवाह करने की सलाह देते रहे. इसी बीच गांव में नवधा रामायण हुआ. जहां सुकाल ने इसी आयोजन में विवाह की इच्छा जताई, जिस पर पूरा गांव तैयार हो गया. गांव वालों ने शादी की पूरी तैयारी की. जिसमें सुकाल के बेटे-बेटी सहित पूरे रिश्तेदार और समाज के लोग शामिल हुए. सरपंच के घर से बारात निकाली गई. गौतरहिन बाई को दुल्हन की तरह सजाया गया. विधि विधान के साथ विवाह कराया गया. जहां सरपंच पवन चंद्रौल ने कन्यादान किया. आज सुकाल शादी की परंपरा निभाकर खुश है.