रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के राज्य संयोजक मंडल की बैठक रविवार 12 बजे आशीर्वाद भवन रायपुर में रखी गई है । इस बैठक में किसानों के आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी साथ ही छत्तीसगढ़ में सूखा के हालात बन रहे हैं उस पर सरकार की नाकामियों पर भी चर्चा होगी । 9 अगस्त को विधायकों कुर्सी छोड़ो आंदोलन के दौरान राज्यपाल ने किसानों से मिलने से जिस तरह इनकार किया उस पर भी चर्चा की जाएगी।
छत्तीसगढ़ में अब धीरे धीरे भयंकर सूखा के हालात बनते जा रहे हैं। अगस्त का पहला पखवाडा निकलने को है, लेकिन फसल के लिए आवश्यक पानी अभी भी नहीं गिरा । इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई है, खेतों में दरार पड़ने लगी हैं, और कुछ इलाकों में किसानों ने तो आप अपने खेत मवेशियों को चरने के लिए छोड़ भी दिया है ।
छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य तेजराम विद्रोही, मदन साहू, अनिल सिंह बघेल, द्वारिका साहू, पप्पू कोसरे, पारसनाथ साहू, रूपन चंद्राकर, डॉ संकेत ठाकुर, जुगनू चंद्राकर, वीरेंद्र पांडे, उत्तम जायसवाल, दुर्गा झा, भानु प्रकाश चन्द्रा, गौतम बंदोपाध्याय, लक्ष्मीनारायण चंद्राकर, गिरधर मढ़रिया, राकेश तिवारी ने कहा है कि यह दुर्भाग्य की बात है कि राज्य सरकार को किसानों से कोई सरोकार नहीं है।
जिस कारण अभी तक किसी भी तरह के राहत पैकेज की घोषणा नहीं की गई है और ना ही सूखा की स्थिति में वैकल्पिक फसल लगाने की कोई व्यवस्था की गई है। यह स्थापित सत्य है की ग्लोबल वार्मिंग की वजह से प्रतिवर्ष वर्षा अनियमित हो रही है । इन हालात में सिर्फ गोष्ठी, सेमीनार करने से कुछ नहीं होने वाला, सरकार को ठोस कार्य योजना बनाया जाना जरूरी है।
लेकिन दुर्भाग्य है कि सरकार इस मामले में कुछ भी नहीं कर रही है जिस कारण यह किसानों को लगातार परेशान होना पड़ रहा है । खेती की लागत बढ़ रही है, कर्जा बढ़ रहा है और फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने के कारण खेती में घाटा बढ़ता जा रहा है जिसके परिणाम स्वरूप किसान आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं ।