रायपुर- छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र में मुख्य विपक्षी दल बीजेपी समेत राजनीतिक दलों के हमलों की जवाबी रणनीति तैयार करने के लिहाज से कांग्रेस विधायक दल की एक महत्वपूर्ण बैठक सोमवार होगी. मुख्यमंत्री निवास में होने वाली इस बैठक में सिलसिलेवार ढंग से तमाम संभावित आरोपों पर तथ्यात्मक जवाब की रणनीति बनाई जाएगी. सूत्र बताते हैं कि विधायकों को नसीहत दी जाएगी कि विपक्ष के हमलों का जवाब मुखरता के साथ सदन में दिया जाए.
बता दें कि विधानसभा सत्र के हंगामेदार होने के पूरे आसार है. धान खरीदी के मसले पर पहले से ही प्रदेश का सियासी पारा चढ़ा हुआ है. भूपेश सरकार किसानों को धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपए दिए जाने के साथ 32 लाख मीट्रिन टन चावल सेंट्रल पूल में लिए जाने की मांग केंद्र सरकार से कर रही है. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसे लेकर तीन बार चिट्ठी लिखी है, लेकिन केंद्र ने नियमों का हवाला देकर इस मांग को मानने से इंकार कर दिया है. केंद्र के इस रूख को देखते हुए भूपेश सरकार दिल्ली में प्रदर्शन की तैयारी कर रही है. इधर बीजेपी ने धान खरीदी में हो रही देरी को बड़ा मुद्दा बनाया है. बीजेपी का आरोप है कि किसानों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसान औने-पौने दाम में बिचौलियों को धान बेचने पर मजबूर हैं. सरकार ने जो वादा किया था, उसे निभाने से बच रही है. धान खरीदी को लेकर मचा यह सियासी बवाल सदन में भी जोर-शोर से गर्मा सकता है.
इधर प्रदेश में लचर कानून व्यवस्था विपक्षी दलों का बड़ा मुद्दा होगा. राजधानी समेत कई दूसरे शहरों और कस्वाई इलाकों में बढ़ती चाकूबाजी. चोरी और लूट की बढ़ती घटनाओं ने कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक में इस मुद्दे पर भी जवाबी रणनीति तैयार की जाएगी. शराबबंदी, उदंती अभ्यारण्य में वन भूमि में अवैध कटाई जैसे कई मुद्दों की फेहरिस्त है, जिन्हें लेकर सरकार विपक्ष के निशाने पर होगी.
इधर बीजेपी विधायक दल की भी एक बड़ी बैठक सोमवार को ही होगी. सदन की पहले दिन की कार्यवाही खत्म होने के बाद यह बैठक होगी. नेता प्रतिपक्ष के निवास में होने वाली इस बैठक में सरकार पर हमले की रणनीति पर मंथन होगा.