रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन छत्तीसगढ़ विधानमण्डल सदस्य निरर्हता निवारण संशोधन विधेयक पारित हुआ. विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ. एक ओर विपक्ष ने प्रेमसाय सिंह टेकाम के जरिए सरकार पर निशाना साधा, वहीं विधायक धर्मजीत सिंह की टिप्पणी पर सत्तापक्ष और विपक्ष के सदस्यों में तीखी बहस छिड़ गई.

सदन में विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर ने कहा कि डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम में जरा भी स्वाभिमान है, तो उन्हें योजना आयोग अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करना चाहिए. क्योंकि उनके लिए संसोधन विधेयक लाया गया. क्या ऐसी स्थिति में भी इस पद को टेकाम स्वीकार करेंगे? मुझे लगता है टेकाम की बलि ले ली गई. टीएस सिंहदेव के एक मात्र समर्थक की शहादत हो गई है.

शिवरतन शर्मा ने कहा कि सत्र की अधिसूचना के बाद आप सत्र के बाहर घोषित कर सकते हैं क्या? इस संशोधन को लाने का प्रमुख कारण इनका आंतरिक कलह है. साल भर से सीएम लगे हुए थे कि मोहन मरकाम दूर हो जाएं. सीएम लगातार प्रयास करते रहे कि उनको अध्यक्ष से हटाया जाए. सशर्त अनुमति मिल गई कि उनको हटाया जाए तो डिप्टी सीएम बना दिया गया. राजा साहब के करीबी प्रेमसाय की राजनीतिक शहादत हो गई. आपके नेता जी की साढ़े चार साल दुर्गति हो गई. उसी दुर्गति को आपको प्राप्त करना है, तो हमारी शुभकामना है. यदि थोड़ा भी स्वाभिमान हो तो पद को नहीं लेना चाहिए.

नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि हम यहां कानून बनाने जा रहे हैं. क्या मुख्यमंत्री सदन से बड़े हैं. यह सदन का अपमान है. लोकतंत्र का अपमान है. सदन से बड़ा कोई नहीं है. हमारे सदस्यों ने व्यवस्था का प्रश्न उठाया है. क्या कोई सदन के बाहर घोषणा कर सकता है क्या? विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि वो आदमी जो 45 साल पहले मंत्री थे और जिस बेरहमी से उनको निकला गया, लॉलीपॉप खिलाना था तो इत्मीनान से खिलाते. प्रेम साय सिंह के चेहरे से नूर छीन लिए हैं. रात में आप से इस्तीफा लिया गया और आप सुबह अपने क्षेत्र के लिए निकल गए थे. बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि जो साढ़े चार साल नंबर दो थे, अचानक उनको खिसका दिया गया.

विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में भारी हंगामा हुआ. विधायक धर्मजीत सिंह की टिप्पणी पर सत्तापक्ष के आदिवासी विधायक भड़क गए थे. धर्मजीत सिंह पर सत्ता पक्ष के विधायक बृहस्पत सिंह ने जातिगत रूप टिप्पणी करने का आरोप लगाया. इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा कि मैंने किसी जाति को लेकर कोई बात नहीं कही. मैंने सिर्फ नग्न प्रदर्शन की बात कही है. धर्मजीत सिंह ने कहा कि रिकॉर्ड चेक करा लिया जाए. जातिगत टिप्पणी की होगी तो मैं विधायकी से इस्तीफ़ा दे दूंगा.

अजय चंद्राकर और बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आसंदी ने पहले व्यवस्था दी हुई है. इस सदन में सभी विधायक समान हैं. जाति से ऊपर हैं. नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने कहा कि सदन में टिप्पणी व्यक्तिगत होती है ना कि जातिगत. इस मामले में आसंदी की व्यवस्था होनी चाहिए. संसदीय कार्यमंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि धरमलाल कौशिक को किस दुर्गति से नेता प्रतिपक्ष पद से हटा दिया गया. क्या हमने ये नहीं देखा है? आदिवासी दिवस के दिन इनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को हटा दिया. क्या हमने नहीं देखा? कहने को हमारे पास भी बहुत कुछ है.