रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में हाईकोर्ट से FL 10 लाइसेंसधारी नेक्सजेन कंपनी के डायरेक्टरों को जमानत मिली है। अभिषेक सिंह और मनीष मिश्रा को जस्टिस अरविंद वर्मा की कोर्ट ने जमानत दी है। अभिषेक सिंह आबकारी विभाग के ओएसडी रहे अरविंद सिंह का भतीजा है। मनीष मिश्रा CA संजय मिश्रा का भाई है। सीनियर अधिवक्ता शशांक मिश्रा और गगन तिवारी ने बचाव पक्ष की तरफ से पैरवी की।
संजय मिश्रा और मनीष मिश्रा नेक्सजेन पॉवर कंपनी बनाकर FL 10 लाइसेंस लेकर प्रदेश में महंगी ब्रांडेड अंग्रेजी शराब की सप्लाई करते थे। दोनों सगे भाई हैं। संजय मिश्रा पेशे से चार्टर्ड अकाउंटेंट है। दोनों भाई नेक्सजेन पॉवर कंपनी के डायरेक्टर है। इनके अलावा आबकारी विभाग के ओएसडी रहे अरविंद सिंह के भतीजे अभिषेक सिंह को भी गिरफ्तार किया गया था। तीनों को इसी साल 20 जुलाई को ईओडब्ल्यू ने गिरफ्तार किया था। संजय मिश्रा को पहले ही जमानत मिल चुकी है।

क्या है शराब घोटाला
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 से 2023 तक शराब नीति को बदलकर चहेते सप्लायरों के माध्यम से शराब घोटाला हुआ। इसमें लाइसेंस की शर्तें ऐसी रखी गई कि चहेती कम्पनियों को काम मिल सके। उन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील बनवाई। यह काम नोएडा की एक कंपनी ने किया। इसके बाद नकली होलोग्राम लगी शराब की महंगी बोतलें सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाई गई। चूंकि नकली होलोग्राम था तो बिक्री की जानकारी शासन को नहीं हो पाती थी और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही। इस तरह से शासन को 2165 करोड़ रुपए के टैक्स का चूना लगाया गया। यह रकम कांग्रेस भवन बनवाने से लेकर नेताओं,अधिकारियों और मंत्रियों तक बटे।
शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 आबकारी अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है।

