Chhattisgarh Liquor Scam: रायपुर. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले के 28 आरोपी अधिकारी-कर्मचारियों ने जमानत के लिए याचिका लगाई थी, जिसे शुक्रवार को एसीबी ईओडब्ल्यू की विशेष अदालत ने सुनवाई के बाद रद्द कर दिया.

शराब घोटाले से जुड़े 28 आरोपियों के अधिवक्ताओं ने अलग-अलग अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया था. इस मामले में पूरी विवेचना के दौरान अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है और अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया है. आवेदक देवलाल वैद्य की ओर से प्रस्तुत आवेदन में उसके वर्ष 2022 में जिला आबकारी के पद से सेवानिवृत्त होने, सेवा के दौरान उसके द्वारा आरोपित अपराध जैसा कोई कृत्य नहीं किये जाने का उल्लेख किया गया. वहीं आवेदक प्रमोद कुमार नेताम, श्रीमती नीतू नोतानी ठाकुर, एलएल ध्रुव सहित अन्य आरोपियों की ओर से निवेदन किया गया कि अभियुक्तगण निर्दोष हैं. उनकी आरोपित अपराध में कोई भूमिका नहीं रही है. ये विभाग में वरिष्ठ पद पर कार्यरत रहे हैं. जमानत के लिए उनकी व्यक्तिगत पारिवारिक स्थिति का हवाला दिया गया. (Chhattisgarh Liquor Scam)

राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो रायपुर की ओर से कोर्ट को बताया गया कि शराब घोटाले में इनकी मिलीभगत है. इसके साक्ष्य भी मिले हैं. इस मामले में अभी जांच जारी है. अग्रिम जमानत आवेदनों के संबंध में पृथक-पृथक विरोध पत्र प्रस्तुत कर जमानत आवेदन को निस्तत किये जाने का निवेदन किया गया. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत ने अभी 28 आरोपित अधिकारियों – कर्मचारियों की अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी.

जमानत याचिका के आवेदकों के नाम

प्रमोद कुमार नेताम, श्रीमती नीतू नोतानी ठाकुर, एलएल ध्रुव, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, अरविंद कुमार पाटले, दिनकर वासनीक, नोहर सिंह ठाकुर, नवीन प्रताप सिंह तोमर, विकास कुमार गोस्वामी, रामकृष्ण मिश्रा, मंजूश्री कसेर, विजय सेन शर्मा, अनिमेश नेताम, मोहित कुमार जयसवाल, गंभीर सिंह नुरूटी, नीतिन कुमार खंडुजा, अश्वनी कुमार अनंत, अनंत कुमार सिंह, सोनल नेताम, सौरभ बक्शी, गरीब पाल सिंह दर्दी, जेठूराम मंडावी, प्रकाश पाल, अलेख कुमार सिदार, आशीष कोसम और राजेश जायसवाल आदि.