शिवम मिश्रा, रायपुर। छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज राज्य प्रशासनिक सेवा की निलंबित अधिकारी सौम्या चौरसिया को कोर्ट में पेश किया। PMLA कोर्ट ने सौम्या चौरसिया को 14 दिन की न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा। वहीं बता दें कि पूर्व सीएम भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रहीं सौम्या चौरसिया को दो दिन पहले ईडी ने गिरफ्तार किया था और कोर्ट में पेश किया है, जहां कोर्ट ने दो दिन की रिमांड दी थी। रिमांड अवधि खत्म होने के बाद आज ED ने सौम्या को कोर्ट में पेश किया। वहीं पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को भी ED ने कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 3 तीन की ईडी रिमांड पर भेजा गया।

ED ने पप्पू बंसल उर्फ लक्ष्मी नारायण अग्रवाल, तांत्रिक केके श्रीवास्तव और कारोबारी अनवर ढेबर के होटल मैनेजर दीपेन चावड़ा के बयान के आधार पर सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया है। ED को सौम्या, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर-चैतन्य बघेल के बीच हुई चैट्स में कई अहम सबूत भी मिले हैं। ED की जांच में पता चला है कि सौम्या चौरसिया को लगभग 115.5 करोड़ रुपए की POC मिली थी। इसके अलावा डिजिटल रिकॉर्ड, जब्त सामग्री और लिखित बयानों के रूप में सबूत इकट्ठा किए गए। सबूतों से यह साबित होता है कि सौम्या चौरसिया शराब सिंडिकेट की एक सक्रिय मेंबर थीं।

EOW की FIR में पहले से जेल में बंद है निरंजन दास

पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को प्रोडक्शन रिमांड में लेने ईडी ने कोर्ट में पेश किया, जहां उसे 3 दिन की ईडी रिमांड पर भेजा गया। अब प्रवर्तन निदेशालय सौम्या चौरसिया से मिले इनपुट के आधार पर निरंजन दास से पूछताछ करेगी। बता दें कि निरंजन दास पहले से ही आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) द्वारा दर्ज शराब घोटाले की एफआईआर में जेल में बंद है। अब ईडी की एंट्री के बाद इस मामले में जांच का दायरा और बढ़ने की संभावना जताई जा रही है।

क्या है शराब घोटाला

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार के दौरान 2019 से 2023 तक शराब नीति को बदलकर चहेते सप्लायरों के माध्यम से 3200 करोड़ रुपए का शराब घोटाला हुआ। इसमें लाइसेंस की शर्तें ऐसी रखी गई कि चहेती कम्पनियों को काम मिल सके। उन कंपनियों ने नकली होलोग्राम और सील बनवाई। यह काम नोएडा की एक कंपनी ने किया। इसके बाद नकली होलोग्राम लगी शराब की महंगी बोतलें सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाई गई। चूंकि नकली होलोग्राम था तो बिक्री की जानकारी शासन को नहीं हो पाती थी और बिना एक्साइज टैक्स दिए शराब की बिक्री होती रही। इस तरह से शासन को करोड़ों रुपए के टैक्स का चूना लगाया गया। यह रकम कांग्रेस भवन बनवाने से लेकर नेताओं, अधिकारियों और मंत्रियों तक बंटे।

छत्तीसगढ़ में 3200 करोड़ रुपए के शराब घोटाले की जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही है। सौम्या चौरसिया को 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया गया था, तब से सौम्या चौरसिया जेल में थी। 9 मार्च 2025 को उन्हें जमानत मिली। उसके बाद से वह जेल से बाहर आई। 17 दिसंबर को 9 महीने बाद उन्हें फिर गिरफ्तार किया।

अब तक इनकी हो चुकी है गिरफ्तारी

शराब घोटाला मामले में अब तक पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है. इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 आबकारी अधिकारी भी आरोपी बनाए गए थे, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है.

सौम्या के खिलाफ कई मामलों में चल रही जांच

सौम्या चौरसिया के कुल 5 केस में सम्मिलित होने के मामले में जांच चल रही है। 1164 करोड़ रुपए के चार घोटाले में सौम्या चौरसिया जेल में बंद रही थी जबकि 3200 करोड़ के शराब घोटाले में इस बार उनकी फिर से गिरफ्तारी हुई है। सौम्या चौरसिया पर अवैध कोल लेवी के ₹500 करोड़ के घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था, जिसकी जांच चल रही है। 540 करोड़ रुपए के कोल लेवी घोटाले के दूसरे मामले में इकोनॉमिकल ऑफेंस विंग ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था, जिसकी जांच चल रही है। 575 करोड़ रुपए के डीएमएफ घोटाले में इकोनॉमिकल ऑफेंस विंग ने सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था, जिसकी जांच चल रही है। 49 करोड़ रुपए जो आय से अधिक संपत्ति के तौर पर सौम्या चौरसिया ने अपने 17 साल की सेवा में अर्जित किया है, इसमें भी जांच चल रही है।