रायपुर। छत्तीसगढ़ में छेर-छेरा पर्व के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुपोषित छत्तीसगढ़ के लिए लोगों से कहेंगे…’छेर-छेरा, माई कोठी के धान ल हेर-हेरा.’ छत्तीसगढ़ में छेर-छेरा पर्व का बहुत महत्व है. यह त्यौहार पौष पूर्णिमा में छेर-छेरा पुन्नी के रूप में मनाया जाता है। इसमें दान करने की परम्परा है। दान, धर्म और फसल उत्सव के रूप में मनाए जाने वाला छेर-छेरा पुन्नी के दिन 10 जनवरी को सवेरे 9 बजे छेर-छेरा जोहार कार्यक्रम का आयोजन दूधाधारी मंदिर मठपारा में आयोजित किया गया है।
इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे और दूधाधारी मंदिर में पूजा-अर्चना कर राजेश्री महंत रामसुदंर दास से छेरछेरा दान लेकर प्रदेश वासियों की खुशहाली की कामना की करेंगे। बघेल कार्यक्रम में उपस्थित कलाकारों के साथ मंदिर के आस-पास के घरों से दान लेकर प्रदेश में सुपोषण अभियान को बढ़ावा देंगे। इस मौके पर प्रदेश सरकार के मंत्री, सांसद, विधायक, महापौर एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे। छेरछेरा पुन्नी जोहार कार्यक्रम का आयोजन छत्तीसगढ़ के लोक-कला, संस्कृति, परम्परा, रीति-रिवाज, खान-पान, बोली-भाषा, वेश-भूषा और तीज-त्यौहारों के संरक्षण, संवर्धन व विकास के लिए संस्कृति विभाग और जनसम्पर्क विभाग के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया जाएगा।