नई दिल्ली-  छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के साथ-साथ लोकसभा चुनाव में बसपा से गठबंधन की कवायद में जुटी कांग्रेस को बसपा सुप्रीमो मायावती ने दो टूक कह दिया है कि उनकी पार्टी गठबंधन का हिस्सा तब बनेगी, जब उनकी पार्टी को सम्मानजनक भागीदारी मिलेगी. वरना बसपा अकेले चुनाव लड़ेगी. मायावती का यह बयान उस वक्त आया है, जब कांग्रेस चुनावी रणनीति बसपा को लेकर तैयार कर रही है. मायावती के इस बयान के बाद कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर असर पड़ सकता है.

मायावती ने दिल्ली में कहा कि महागठबंधन को लेकर हाल के दिनों में चर्चाएं हो रही है, उस पर स्थिति साफ करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि खासतौर पर कांग्रेस की ओर से बसपा के साथ गठबंधन को लेकर जिस तरह से बयान दिए जा रहे हैं. वह बंद किए जाने की जरूरत है. क्योंकि बसपा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अकेले अपने दम पर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की स्थिति में है. गठबंधन उस शर्त पर ही किया जा सकता है, जब पार्टी को सम्मानजनक सीट आॅफर की जाए.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश में बीते 15 सालों से बीजेपी सत्ता में काबिजि है. कांग्रेस के रणनीतिकार मानते हैं कि इन दोनों राज्यों में अगर बीएसपी गठबंधन करती है, तो इसका सीधा सियासी फायदा कांग्रेस को मिलेगा. इस गठबंधन से दलित वोट को साधने में सफलता मिलेगी, जिससे सीधा नुकसान बीजेपी को होगा.

अजीत जोगी ने की थी मायावती से मुलाकात

पिछले दिनों दिल्ली में जेसीसी सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की बसपा सुप्रीमो मायावती से मुलाकात हुई थी. इस मुलाकात के कई तरह से सियासी मायने भी ढूंढे जा रहे थे. छत्तीसगढ़ के सियासी गलियारों में इस बात को लेकर भी जमकर चर्चा होती नजर आई थी कि जेसीसी बसपा के साथ गठबंधन के रास्ते तलाश रही है. हालांकि बाद में जोगी ने इसे महज औपचारिक मुलाकात करार दिया था.