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वैभव बेमेतरिहा, रायपुर। छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा सीटों में से सबसे दिलचस्प और महत्वपूर्ण सीटों में से एक मरवाही है. इस सीट पर प्रदेश ही नहीं देश के राजनेताओं की नज़र रहती है. इसके पीछे वज़ह सिर्फ़ जोगी परिवार है. वह जोगी परिवार जो इस सीट पर बीते 19 वर्षों से काबिज़ है. इस सीट पर सबसे पहले 2001 में अजीत जोगी ने उपचुनाव में जीत हासिल की थी. इसके बाद तो फिर यहाँ अजीत जोगी ही चुनाव जीतते रहे. बीच में 2013 में उनके बेटे अमित जोगी भी एक बार चुनाव जीते थे. वहीं अमित जोगी जो अपने पिता के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर दूसरी बार यहाँ से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.
मरवाही सीट 19 साल पहले भाजपा के पास थी. लेकिन 2001 से लेकर 2018 तक यह सीट कांग्रेस के पास रही. 2018 में जब इस सीट पर कांग्रेस की हार और जनता कांग्रेस की जीत हुई तो जोगी ने एक बार फिर साबित कर दिया मरवाही की जनता किसी राजनीतिक दल के साथ नहीं, बल्कि जोगी के साथ हैं. अब चूँकि अजीत जोगी नहीं रहे और उनके निधन के बाद यहाँ उपचुनाव होने जा रहा तो हालात पहले जैसे हैं या रहेंगे यह कहना बिल्कुल भी सही नहीं. सही इसलिए नहीं है कि क्योंकि 2018 के चुनाव के साथ-साथ उसके बाद के दो उपचुनावों में कांग्रेस ने जिस तरह से जीत हासिल की है इससे वह बताने में सफल रही है कि छत्तीसगढ़ में लहर अभी भी कांग्रेस की है.
फिलहाल जो राजनीतिक समीकरण दिखाई दे रहा है उसमें मरवाही में जोगी कांग्रेस, सत्ताधारी कांग्रेस और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी को कड़ी चुनौती देते हुए नज़र तो आ रही है. लेकिन पहले की तरह राह आसान भी नहीं है. क्योंकि जोगी कांग्रेस के पास अगर कुछ है तो वो है सिर्फ़ अजीत जोगी का नाम, स्वर्गीय जोगी के प्रति सहानुभूति. दूसरी ओर कांग्रेस के पास सत्ता में होने का प्रभाव, पेंड्रा-गौरेला-मरवाही को जिला बनाना, जिलेवासियों को विभिन्न कार्यों के लिए सैकड़ों करोड़ों रुपये की सौगात और दो उपचुनाव दंतेवाड़ा और चित्रकोट में जीत के साथ पार्टी के पक्ष में लहर, जबकि बीजेपी के पास केंद्र में मोदी सरकार.
अब सवाल यही है कि अगर छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की लहर है, तो फिर मरवाही में जीत किसकी होगी ? क्या कांग्रेस लहर के बीच जोगी कांग्रेस अपना कब्जा बरकरार रख पाएगी ? क्या कांग्रेस जोगी परिवार का वर्चस्व तोड़ पाएगी ? क्या 19 सालों से यहाँ वापसी का बाट जोह रही बीजेपी कांग्रेस और जोगी परिवार को शिकस्त दे पाएगी ? ये वो तमाम सवाल है जिसका जवाब फिलहाल किसी के पास नहीं है. इसका जवाब मरवाही की जनता 3 नवंबर को देगी और जिसके बारे पता सभी को 10 नवंबर को चलेगा, जब परिणाम आएगा.