गौरव जैन, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मरवाही वनमंडल में भ्रष्टाचार और लापरवाही के गंभीर आरोपों से घिरे वनपरिक्षेत्र अधिकारी (रेंजर) रमेश कुमार खैरवार को आखिरकार हटाने की कार्रवाई कर दी गई है। प्रधान मुख्य वनसंरक्षक (PCCF) रायपुर, व्ही. श्रीनिवास राव ने जांच रिपोर्ट के आधार पर यह कड़ा कदम उठाया है। अब रमेश खैरवार को तत्काल प्रभाव से सीसीएफ कार्यालय बिलासपुर में अटैच कर दिया गया है।

जांच में सामने आईं चौंकाने वाली गड़बड़ियां
जानकारी के अनुसार, मरवाही रेंजर के कार्यकाल के दौरान लाखों रुपये की वित्तीय अनियमितताएं पाई गई हैं। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि रमेश खैरवार ने कई कामों के नाम पर फर्जी भुगतान, मजदूरी बिलों में हेराफेरी, और गोबर खाद घोटाले जैसे मामलों में शासकीय राशि का दुरुपयोग किया। जांच में यह भी पाया गया कि उन्होंने बिना स्वीकृति निजी समितियों के माध्यम से शासकीय राशि का गलत इस्तेमाल किया और मरवाही वनपरिक्षेत्र में वन तस्करों को संरक्षण देने जैसे गंभीर आरोपों में भी संलिप्त पाए गए।
वन्यजीव संरक्षण में भी लापरवाही के आरोप
स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार, बीते कुछ वर्षों में मरवाही क्षेत्र में हाथियों का आवागमन बढ़ा है। ग्रामीणों द्वारा बार-बार सूचना देने के बावजूद रेंजर रमेश खैरवार ने कभी सक्रियता नहीं दिखाई। कई बार तो उन्होंने ग्रामीणों के फोन तक रिसीव नहीं किए।
वन्यजीव विभाग के सूत्र बताते हैं कि उनके कार्यकाल में भालुओं की मौत के कई मामले भी सामने आए थे, जिन पर जांच के बाद रेंजर की लापरवाही साबित हुई।
DFO ग्रीष्मी चांद की रिपोर्ट के बाद हुई कार्रवाई

मरवाही वनमंडल की डीएफओ ग्रीष्मी चांद ने रेंजर खैरवार की लापरवाही और वित्तीय गड़बड़ियों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी थी। जांच में जब आरोप सिद्ध हो गए, तब CCCF रायपुर ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई का निर्देश जारी किया। अब रमेश खैरवार को तत्काल प्रभाव से सीसीएफ कार्यालय बिलासपुर में अटैच कर दिया गया है।

विभाग में मचा हड़कंप
रेंजर रमेश खैरवार को हटाए जाने के बाद पूरे वनविभाग में हड़कंप मच गया है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में विभाग अन्य रेंजों में भी ऐसे मामलों की समीक्षा कर सकता है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह कार्रवाई लंबे समय से अपेक्षित थी। ग्रामीणों का मानना है कि ऐसे अधिकारी जो वन संरक्षण की जिम्मेदारी की अनदेखी करते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई आवश्यक है, ताकि जंगल और वन्यजीवों की रक्षा सुनिश्चित की जा सके।
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