रायपुर. छत्तीसगढ़ मिलेट कार्निवाल (Chhattisgarh Millet Carnival) का आयोजन होने जा रहा है. भारत के नामी गिरामी शेफ मिलेट के नए-नए व्यंजन बनाना सिखाएंगे और इसे मेहमानों को परोसेंगे. ये कार्निवाल राजधानी रायपुर में 17 से 19 फरवरी को आयोजित किया जा रहा है. कार्निवाल का आयोजन छत्तीसगढ़ राज्य लघुवनोपज संघ और आईआईएमआर हैदराबाद के संयुक्त तत्वाधान में स्थानीय सुभाष स्टेडियम में होगा. इस अनूठे कार्निवाल में विशेष रूप से मिलेट फूड कोर्ट होगा, जहां आम नागरिक मिलेट के स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद ले सकेंगे.

मिलेट कार्निवाल (Chhattisgarh Millet Carnival) का उद्देश्य मिलेट को लोगों के दैनिक आहार में शामिल करने और इसके पोषक मूल्य के प्रति जनजागरूकता लाना है. इस आयोजन में प्रतिभागियों और आगंतुकों के साथ मिलेट की विशेषताओं को साझा करने के लिए राष्ट्रीय विशेषज्ञों द्वारा चर्चा की जाएगी. साथ ही मिलेट में मांग पैदा करने के लिए मिलेट स्टार्ट-अप अपने पैकेज्ड मिलेट उत्पादों को प्रदर्शित करेंगे. इसके अलावा मिलेट की खेती के पर्यावरणीय लाभों के बारे में युवा पीढ़ी को जागरूक करने के लिए शैक्षणिक संस्थानों द्वारा नुक्कड़ नाटक और स्थानीय लोक कलाकारों द्वारा हर दिन शाम को सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी जाएगी.

2023 को अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा के बाद छत्तीसगढ़ में 10 जनवरी 2022 को मिलेट मिशन का शुभारंभ मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में आईसीएआर-आईआईएमआर और 14 जिलों के मध्य एक एमओयू हस्ताक्षर से हुई. छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ को राज्य सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोदो, कुटकी और रागी का क्रय करने का भी निर्देश दिया गया. इसी अवसर पर लघु वनोपज संघ ने भी आईसीएआर से अनुबंध किया जिसके तहत आईआईएमआर मिलेट मिशन के नॉलेज पार्टनर बने.

छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जहां कोदो, कुटकी का 30 रुपये प्रति किलो और रागी 33.77 रुपये प्रति किलो खरीदा जा रहा है. सीएसआईडीसी ने मिलेट आधारित उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ चुंनिदा ब्लाक में भूमि, संयंत्र और उपकरण पर 50 प्रतिशत सब्सिडी की योजना पेश की है. राज्य केबिनेट ने मिलेट के उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ 9 हजार रुपये की राशि घोषणा की गई है. कोदो, कुटकी और रागी की खेती करने पर यह राशि किसानों को दी जाएगी. राज्य में मिलेट उत्पादों की खपत बढ़ाने के लिए, पीडीएस, आंगनबाड़ी और मिड डे मील में मिलेट उत्पादों को शीघ्र ही शामिल करने की योजना है.

पिछले एक साल में मिलेट मिशन का लक्ष्य प्राप्त करने में राज्य उल्लेखनीय प्रगति की है. अन्ततः छत्तीसगढ़ को भारत मिलेट हब बनाने की तरफ तेजी से कदम बढ़ाए जा रहे हैं. पहले ही साल 50 हजार क्विंटल से ज्यादा मिलेट का क्रय किया गया है, इस वर्ष अब तक 38 हजार क्विंटल कोदो, कुटकी और रागी का समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है. राज्य के 10 जिलों में 12 लघु मिलेट प्रसंस्करण केन्द्र स्थापित किए जा चुके है

न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा के साथ ही किसानों को मार्केट में भी अब रुपये 12-15 प्रति किलो की अपेक्षा रुपये 20-25 प्रति किलो क्रय भाव मिल रहा है. कांकेर जिले में 5000 मीट्रिक टन प्रति वर्ष की क्षमता को एशिया की पहली मिलेट प्रसंस्करण इकाई शुरू हो चुकी है.