शिवम मिश्रा, रायपुर.आरंग मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस की कार्रवाई से नाराज बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने सिटी कोतवाली थाने का घेराव किया. थाने के बाहर हवन कुंड बनाकर यज्ञ और हनुमान चालीसा का पाठ भी किया. इसी बीच डिप्टी सीएम अरुण साव प्रदर्शनकारियों से मिलने सीटी कोतवाली पहुंचे. उन्होंने मामले की जांच कराने और दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया और प्रदर्शन को खत्म करने की बात कही.

बता दें कि अभी भी विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल का प्रदर्शन जारी है, जिसमें बड़ी संख्या में हिंदू समाज के साधु-संत, पंडित भी शामिल हैं. प्रदर्शनकारी थाने के बाहर रात्रि विश्राम के लिए तैयारियां कर रहे और मांग न माने जाने तक प्रदर्शन जारी रखने की बात कह रहे. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि मॉब लिंचिंग मामले में सही आरोपियों की गिरफ्तारी हो.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल के प्रतिनिधियों से बंद कमरे में चर्चा की. इसके बाद विश्व हिंदू परिषद एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन को समाप्त करने का निवेदन किया. साधु संत एवं पंडितों ने भी प्रदर्शन को समाप्त करने का आव्हान किया.

संतों ने की गौ-रक्षकों को छोड़ने की मांग

प्रदर्शन के दौरान संतों ने कहा कि, पुलिस अगर चारों गौ-रक्षकों को नहीं छोड़ेगी तो 10 लाख हिंदू यहां आएंगे, इसके बाद 10 करोड़, फिर 100 करोड़ लोग आएंगे. जिन गौ-रक्षकों ने गाय की रक्षा के लिए अपना जीवन समर्पित किया है, उन्हें गलत धारा लगाकर पकड़ा गया है. उन्हें ऐसे गिरफ्तार किया गया, जैसे आतंकवादी को पकड़ा गया हो. डायल-112 के सामने सहारनपुर के तस्कर नदी में कूद गए. उन्हें पता नहीं था कि पुल में पानी है या नहीं.

जानिए क्या है आरंग मॉब लिंचिंग मामला ?

बता दें कि यह घटना 7 जून को रायपुर-महासमुंद सीमा पर हुई थी. यूपी के सहारनपुर निवासी सद्दाम कुरैशी (23), उसके चचेरे भाई गुड्डू खान (35) और चांद मिया खान (23) छत्तीसगढ़ के महासमुंद से रायपुर में मवेशी लेकर जा रहे थे. इसी दौरान आरंग में महानदी नदी के पुल पर उन्हें रोक लिया गया और उन पर भीड़ ने हमला किया. जिसके बाद पुलिस को चांद मियां और गुड्डू खान पुल के नीचे पड़े मिले थे. दोनों की उसी दिन मौत हो गई, जबकि जीवित बचे एकमात्र चश्मदीद सद्दाम ने 18 जून को दम तोड़ दिया. जिसके बाद समुदाय विशेष ने इस घटना के विरोध में प्रदर्शन किया और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग भी की. इसके बाद रायपुर SSP ने एसआईटी बनाकर आरोपियों की धर पकड़ शुरु की. इस मामले की जांच पड़ताल के लिए रायपुर SSP ने SIT का गठन किया है. पुलिस ने अब तक कुल 4 लोगों को पकड़ा है, जिन पर आरंग मॉब लिंचिंग में शामिल होने के आरोप हैं.