रायपुर। छत्तीसगढ़ अपने रजत जयंती वर्ष (25वें स्थापना वर्ष) का उत्सव मना रहा है। 2000 में बने इस युवा राज्य ने दो दशक से कुछ अधिक समय में कई उतार-चढ़ाव देखे, लेकिन 2024-25 में यह राज्य एक नए विकास पथ पर अग्रसर है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आज न केवल खनिज और वन संसाधनों से सम्पन्न राज्य के रूप में जाना जा रहा है, बल्कि सौर ऊर्जा जैसी हरित क्रांति का भी केंद्र बन रहा है।


“सौर ऊर्जा से समृद्धि की ओर” की यह यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना और राज्य सरकार की डबल सब्सिडी नीति के साथ छत्तीसगढ़ को ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक छलांग लगाने का अवसर प्रदान कर रही है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का स्वरूप और लक्ष्य
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य है— हर घर की छत पर सोलर पैनल लगाकर स्वच्छ, सस्ती और निःशुल्क ऊर्जा पहुंचाना। वर्ष 2024 में जब प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना का एलान किया था तभी से छत्तीसगढ़ ने इसे एक अवसर के रूप में लिया। छत्तसगढ़ की साय सरकार की ओर से इस योजना में अतिरिक्त सब्सिडी और बैंकिंग सहयोग जोड़कर इसे “डबल इंजन की डबल गारंटी” में बदल दिया गया है। इस योजना से लाभानिवत छत्तीसगढ़ का उपभोक्ता न केवल बिजली बिल में राहत पा रहा है बल्कि अतिरिक्त बिजली बेचकर आमदनी का स्रोत भी बना रहा है। छत्तीसगढ़ में डबल सब्सिडी इस योजना का सबसे बड़ा आकर्षण बन रहा है। इस योजना के लिए पहले केंद्र सरकार सोलर पैनल लगाने पर 60% तक की सब्सिडी देती थी।अब छत्तीसगढ़ सरकार भी इसमें हिस्सा अतिरिक्त जोड़ रही है। इन शासकीय सहयोगों से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार भी अब बड़ी आसानी से सोलर पैनल लगाकर जीवनभर मुफ्त बिजली का आनंद ले सकते हैं।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना में आसान ऋण सुविधा : ईएमआई से सस्ती बिजली
छत्तीसगढ़ की साय सरकार और बैंकिंग संस्थाओं के बीच हुए करार के अनुसार उपभोक्ता को 6.5% ब्याज दर पर 10 वर्षों तक के लिए ऋण मिलेगा।ईएमआई इतनी कम होगी कि यह उपभोक्ता के मौजूदा बिजली बिल से भी कम पड़ेगी। उपभोक्ता अब बिजली बिल देने के बजाय वही राशि सोलर सिस्टम की किश्त चुकाने में लगाएगा और कुछ वर्षों बाद जीवनभर मुफ्त बिजली का लाभ उठाएगा। निश्चित तौर पर यह पहल आमजन के आर्थिक बोझ को कम करने के साथ दीर्घकालिक आत्मनिर्भरता का मार्ग प्रशस्त करने वाली साबित होगी है।

प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से बिजली बेचकर अतिरिक्त कमाई बन रही है आत्मनिर्भरता की ओर मज़बूत कदम
सौर ऊर्जा केवल मुफ्त बिजली तक सीमित नहीं है बल्कि यह आमदनी का नया स्रोत भी बन रहा है।यदि घर में खपत से अधिक बिजली उत्पन्न होती है तो अतिरिक्त बिजली डिस्कॉम को बेची जा सकती है। 2 किलोवाट या उससे अधिक क्षमता वाले प्लांट से परिवार 25 साल तक प्रतिमाह 200 यूनिट से ज्यादा बिजली उत्पन्न कर सकता है। इस योजना से होने वाला लाभ हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट से भी अधिक है। सोलर पैनल से छत्तीसगढ़ का हर उपभोक्ता अब सिर्फ उपभोक्ता नहीं बल्कि ऊर्जा उत्पादक और विक्रेता भी बन रहा है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के आत्मनिर्भरता का गणितीय सूत्र और समीकरण
योजना के तकनीकी और आर्थिक लाभ को समझना जरूरी है:
• 1 किलोवाट सोलर प्लांट = औसतन 120 यूनिट मासिक उत्पादन
• उपभोक्ता को केंद्र + राज्य सरकार से अधिकतम ₹45,000 तक की सब्सिडी
• 2 किलोवाट प्लांट = 240 यूनिट मासिक उत्पादन
• उपभोक्ता को कुल ₹90,000 तक सब्सिडी
• 3 किलोवाट प्लांट = 360 यूनिट मासिक उत्पादन
• उपभोक्ता को कुल ₹1,08,000 तक की सब्सिडी
यह आंकड़े साबित करते हैं कि योजना केवल कागजों में नहीं बल्कि आमजन के जीवन में भी क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के प्रमुख लाभ : हर घर तक समृद्धि
योजना में शत प्रतिशत पारदर्शिता बनाए रखते हुए डबल सब्सिडी का सीधा लाभ उपभोक्ता के खाते में पहुँचाया जाता है। हितग्राही पाएँगे 20–25 साल तक मुफ्त ,लगातार और भरोसेमंद ऊर्जा आपूर्ति का लाभ। अपनी जरूरत के अतिरिक्त उत्पादित बिजली बेचकर अतिरिक्त आमदनी के साधन बनाए जा सकते हैं। सोलर पैनल के साथ हरित और स्वच्छ जीवनशैली को बढ़ावा भी मिल रहा है। कवर्धा ज़िले के हितग्राही रामदास पटेल कहते हैं कि “प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना हर दृष्टि से जनहितकारी है ख़ास तौर पर गरीब वर्ग को इसका बहुत लाभ होता है। इससे ना सिर्फ़ विद्युत डर से बचा जा सकता है बल्कि आम आदमी बिजली का उत्पादक भी बन जाता है जिसे उपयोग के बाद बेची भी जा सकती है। लगने वाले सोलर पैनल में भी 25 वर्षों की ग्यारंटी होती है।”
हॉफ बिजली योजना का पुनरीक्षण से मिलेगा गरीब वर्ग को राहत
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार ने हॉफ बिजली बिल योजना में यथार्थपरक बदलाव किए हैं। अब 100 यूनिट तक की खपत पर 50% रियायत मिलेगी। शासकीय आंकडों के अनुसार राज्य के लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ताओं में से 31 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिनकी बिजली खपत 100 यूनिट से कम है।इनमें 15 लाख बीपीएल परिवार भी शामिल हैं जिन्हें पूर्ववत मुफ्त बिजली मिलती रहने वाली है।कहा जा सकता है कि राज्य की साय सरकार में सुधार के बावजूद गरीब और कमजोर वर्ग को राहत पूरी तरह से बरकरार रहेगी।
छत्तीसगढ़ का रजत जयंती वर्ष और प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से ऊर्जा क्रांति
रजत जयंती वर्ष छत्तीसगढ़ के लिए केवल एक उत्सव नहीं बल्कि आत्ममंथन और नए संकल्प का अवसर भी है। पिछले 25 वर्षों में राज्य ने खनन, कृषि, वन और उद्योग के क्षेत्र में प्रगति की है लेकिन अब 26वें वर्ष में प्रवेश करते समय छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से ऊर्जा आत्मनिर्भरता का नया अध्याय लिख रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की प्राथमिकता है कि आने वाले 5 वर्षों में राज्य के हर घर की छत पर सौर पैनल हो और छत्तीसगढ़ पूरे भारत के लिए ग्रीन एनर्जी मॉडल बने।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से ग्रामीण और शहरी जीवन में बदलाव
ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना का प्रभाव दिखना आरम्भ हो गया है। योजना से गांव-गांव में बिजली पहुंचना आसान हो रहा है। किसान भी अतिरिक्त आय के लिए बिजली बेच रहे हैं। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से सिंचाई और ग्रामीण उद्योग भी सौर ऊर्जा से संचालित हो सकते हैं।
शहरी क्षेत्रों में भी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से बिजली बिलों में भारी कमी आने लगी है। अपार्टमेंट और सोसायटी स्तर पर सामूहिक सौर ऊर्जा परियोजनाएं भी लगने लगी है। पर्यावरण प्रदूषण में कमी और कार्बन फुटप्रिंट के घटने की भी सम्भावना बढ़ी है।प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से 5 किलो वॉट का सोलर पैनल लगाने वाले महासमुंद ज़िले के विजय वर्मा कहते हैं कि “सोलर पैनल लगाने के बाद मेरा बिजली बिल शून्य आने लगा है और कभी कभी माइनस में भी आ रहा है। मुझे अब बिजली का बिल पटाना ही नही पड़ता। सोलर पैनल लगाने के लिए मुझे सब्सिडी के रूप में भरपूर शासकीय सहयोग मिला। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना एक बेहतरीन योजना है सभी को इसका लाभ लेना चाहिए।”
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से मिल रहा रोजगार और उद्योग को बढ़ावा
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत होने वाले सोलर पैनल निर्माण, इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस से राज्य में नए रोजगार के अवसर पैदा हो रहे हैं। सूर्य घर योजना से बैंकिंग, वित्त और तकनीकी सेवाओं में भी अवसरों में बढ़ोतरी हो रही है। स्थानीय युवाओं को दी जाने वाली ग्रीन एनर्जी टेक्नोलॉजी की ट्रेनिंग भी रोज़गारोन्मुख कदम मानी जा सकती है। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से MSME क्षेत्र को भी नए व्यवसाय की दिशा मिली है।
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से राज्य को होने वाले पर्यावरणीय लाभ
सौर ऊर्जी की पर्याप्त उपलब्धता से कोयला आधारित बिजली उत्पादन पर राज्य की निर्भरता कम होगी। वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन में कमी आएगी। इस योजना के साथ आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और हरित पर्यावरण सुरक्षित होगा।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का विजन
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना को केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं बल्कि एक जनआंदोलन बना दिया है। मुख्यमंत्री का लक्ष्य स्पष्ट है उनकी हार्दिक मंशा हैं हर घर ऊर्जा आत्मनिर्भर बने। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों पर बिजली का बोझ खत्म हो और छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी सौर ऊर्जा राज्य बने।
छत्तीसगढ़ अपने रजत जयंती वर्ष में नए सपनों और नई उड़ानों के साथ आगे बढ़ रहा है। सौर ऊर्जा आधारित योजनाएं न केवल राज्य को बिजली आत्मनिर्भरता की ओर ले जा रही हैं, बल्कि आमजन के जीवन को सस्ती, सुरक्षित और समृद्ध बना रही हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह प्रयास छत्तीसगढ़ को “खनिज और वनों का राज्य” भर नहीं, बल्कि “सौर ऊर्जा का राज्य” भी बना देगा। अब यही होगी छत्तीसगढ़ की असली पहचान— हर घर में सूरज, हर घर में रोशनी और हर घर में समृद्धि।
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