जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित झीरमकांड मामले में एनआईए कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. आरोपी बनाए गए पत्रकार संतोष यादव सहित कुल 18 ग्रामीणों को दोषमुक्त को कर दिया गया है. जेल में बंद 14 लोग गुरुवार रात रिहा हो गए हैं.

दरअसल 15 अगस्त 2015 को झीरम घाटी हमला मामले से जोड़कर बस्तर पुलिस ने इन सभी की गिरफ्तारी की थी. गिरफ्तारी के बाद दरभा के स्थानीय पत्रकार संतोष यादव पर 29 धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था. जिसमें हत्या, नक्सलियों के लिए लेवि वसूली व नक्सलियों को समान सप्लाई करने का आरोप लगाया गया था. इस गिरफ्तारी का स्थानीय मीडिया से लेकर प्रदेश स्तर की मीडिया ने विरोध किया था.

सितंबर 2015 में संतोष को दरभा से गिरफ्तार किया गया था. 17 महीने जेल में रहने के बाद फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी. साथ ही तीन और लोग जमानत पर रिहा है. बाकी 14 लोग जेल में बंद थे. इस संबंध में समाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी का कहना है कि न्यायिक जीत है. निर्दोषों को अब न्याय मिला है.

बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर ताबड़तोड़ हमला कर 35 नेताओं और कार्यकर्ताओं को मौत के घाट उतार दिया था. इस हमले में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा, पूर्व विधायक उदय मुदलियार को नक्सलियों ने अपना निशाना बनाया था.