Chhattisgarh News:  पखांजूर. ढाई साल पहले कमालपुर गांव की एक पंचायत ने जो तमाशा किया था, उसकी सजा कोर्ट ने सुना दी हैं. जूतों की माला, लात-घूंसे और वायरल वीडियो, सबके लिए छह-छह महीने की जेल और कुल सात हज़ार रुपये जुर्माना. केनाराम मंडल कोर्ट के बाहर खड़े थे… हाथ में फैसले की कॉपी, आँखों में दो बूंद आँसू… बोले, “मेरी बेटी आज भी उसी दिन की बात सुनकर कांपती है. आज उसे लगा कि दुनिया में इंसाफ अभी बाकी है… बात 22 जनवरी 2023 की है. केनाराम की दूसरी पत्नी प्रतिमा ने पहली पत्नी से हुई 19 साल की मंदबुद्धि बेटी पर इल्ज़ाम लगा दिया. कहा, “पति का उससे अवैध संबंध है.” बिना सबूत, बिना पूछताछ, गांव की बैठक बुला ली गई.

केनाराम ने पुलिस को फोन किया. उधर से आवाज़ आई, “वीडियो भेजो.” वे बोले, “बाहर निकला तो मार डालेंगे.” फिर भी पुलिस ने वही दोहराया. भीड़ घर में घुसी, केनाराम और उनके दोस्त निर्मल सूत्रधार को खींचकर चौपाल ले गई. वहां जूतों का हार, थप्पड़ और ज़बरन माफी. सब कुछ कैमरे में कैद, फेसबुक पर वायरल.

 केनाराम ने कोर्ट में कहा, “मेरी बेटी को लोग आज भी उंगली दिखाते हैं.” न्यायिक मजिस्ट्रेट ध्रुवराज ग्वाल ने 28 गवाह सुने, 14 सबूत देखे और सात लोगों को सज़ा सुना दी. सजा पाने वालों में गाँव के प्रमुख सांतनु हालदार, विश्वजीत सरदार, अजय पाल उर्फ कटाई, प्रवीण बनिक, शिदित्य बनिक, सुमित बनिक और प्रदीप्त बनिक शामिल हैं. कोर्ट ने घर में घुसने (धारा 451) के लिए छह महीने, मारपीट (323) के लिए एक हज़ार और दंगा (147) के लिए तीन हज़ार जुर्माने ठोंके. गाली-गलौज और धमकी के इल्ज़ाम सबूत न होने से खारिज कर दिए.

निर्मल सूत्रधार ने कोर्ट परिसर में कहा, “पुलिस उस दिन फोन पर वीडियो मांगती रही, आज कोर्ट ने असली वीडियो देख लिया.” केनाराम की बेटी अभी भी घर से बाहर कम निकलती है. लेकिन आज उसने पिता से पूछा, “अब कोई जूते की माला नहीं पहनाएगा न?” पिता ने सिर पर हाथ फेरते हुए कहा, “अब कोर्ट की मुहर है बेटी, कोई हिम्मत नहीं करेगा.” पखांजूर कोर्ट का यह फैसला अब गाँव-गाँव चर्चा में है. लोग कह रहे हैं, “जो चौपाल पर कानून हाथ में लेते हैं, उनके लिए जेल का दरवाज़ा खुला है.”