1. पत्नी दर-दर भटक रही पति की पेंशन और अन्य राशि के लिए

  2. सीमगा का मामला, पत्नी ने कई बार की स्वास्थ्य अधिकारियों से शिकायत

रायपुर. स्वास्थ्य विभाग में अपने पूरा जीवन बिताने के बाद कर्मचारी आज अपने ही इलाज और मदद के लिए दर-दर भटक रहा है. उसे मदद भी वो चाहिए जो उसके खून-पसीने की कमाई की है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी उन्हें पिछले 9-10 महीने से चक्कर लगवा रहे है. इतना ही नहीं पीड़ित रिटायर्ड कर्मचारी की पत्नी ने इसकी कई बार शिकायत स्वास्थ्य अधिकारियों से भी की, लेकिन कही से भी उन्हें न्याय नहीं मिला.  दरअसल सिमगा पीएससी रोहरा में नॉन मेडिकल असिस्टेंट पद पर कार्यरत योगेश कुमार शर्मा पिछले एक साल पहले से लकवा ग्रस्ति है और उन्होंने अपनी नौकरी से शारीरिक अस्वस्थता के चलते स्वेक्षिक सेवानिवृति ली.

वे 1 अगस्त 2018 से रिटायर्ड हो गए है. लेकिन तब से लेकर आज दिनांक तक उनके पेंशन की कोई भी राशि उन्हें अब तक नहीं मिली है. इतना ही नहीं अधिकारी उन्हें ये भी नहीं बता रहे है कि इसके पीछे हो रही देरी की वजह क्या है. पीड़ित कर्मचारी की पत्नी का दावा है कि बीएमओ को 5 माह पहले पेंशन के प्रकरण लंबित होने की जानकारी दी गई. हालांकि 1 मई को छुट्टियों की राशि 3,0000 प्राप्त हुए, लेकिन ये पैसे मिलते ही लिया कर्जा उन्होंने चुकाया. पीड़ित की पत्नी का कहना है कि घर में उनके पति एक मात्र कमाने वाले थे जो अब अस्वस्थ्य है और वेतन और अन्य राशि न मिलने के कारण घर चलना तो दूर बच्चों की पढ़ाई के पैसों के लिए भी रिश्तेदारों से मदद मांगनी पड़ रही है.

वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उक्त कर्मचारी की विभाग के एक बाबू की गड़बड़ी के कारण रिकवरी निकली है, लेकिन इसकी कोई भी जानकारी रिटायर्ड कर्मचारी और उसकी पत्नी को नहीं दी जा रही है न ही प्रकरण आगे बढ़ाने की प्रक्रिया में ध्यान दिया जा रहा है.