CG News: रायपुर. छत्तीसगढ़ राज्य पावर कंपनीज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बिजली बिल में 50 प्रतिशत तथा सेवानिवृत्त होने पर 25 प्रतिशत की छूट मिलती है. लेकिन प्रबंधन की लापरवाही के चलते सैकड़ों सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 25 के बजाय 50 फीसदी की छूट बिजली बिल में दी जाती रही. अब जब लापरवाही सामने आई तो सेवानिवृत्त अधिकारियों-कर्मचारियों को हजारों लाखों रूपए की वसूली का नोटिस जारी किया गया है. कईयों के बिजली बिल में एरियर्स की राशि जोड़ी गई है. एरियर्स की राशि देखकर सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारी हतप्रभ हैं.


प्राप्त जानकारी के अनुसार पावर कंपनीज के 1900 से अधिक सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से 10-15 साल पहले के बिल में दी गई अधिक छूट की राशि एरियर्स के रूप में वसूल की जाएगी. इसके लिए कुछ को वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है तो कईयों के बिजली बिल में एरियर्स की राशि जोड़ दी गई है. बिल में भारी भरकम राशि देखकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के होश उड़ गए. दरअसल पावर कंपनी प्रबंधन कार्यरत कर्मचारियों को बिजली बिल में 50 प्रश और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को 25 प्रश की छूट प्रदान की जाती है लेकिन दर्जनों सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को 25 के बजाय 50 प्रश की छूट दी जाती रही.
कंपनी प्रबंधन की लापरवाही सालों बाद पकड़ी गई. बताते हैं कि वितरण केन्द्र अथवा जोन कार्यालयों द्वारा सेवानिवृत्ति के बाद अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बिजली बिल में छूट को 25 प्रश में परिवर्तन नहीं किया गया और बरसों तक 50 प्रश रियायत जारी रही. आश्चर्य की बात यह है कि सैकड़ों सेवानिवृत्त कर्मचारियों की दी जाती रही मनमानी छूट से प्रबंधन अनभिज्ञ रहा. इससे कंपनी को लाखों रूपए का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी अधिक छूट के बारे में जानकारी नहीं होना भी, चकित करने वाला है.
बताते हैं कि जब लापरवाही अथवा गड़बड़ी पकड़ी गई तो अब सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों से एरियर्स की वसूली की जा रही है. इसके लिए कुछ को एरियर्स की राशि के साथ नोटिस जारी किया है तो कइयों के एरियर्स की राशि को बिजली बिल में जोड़ दिया गया है.
सेवानिवृत्त 2011 में, वसूली 2015 से 2025 तक
एक प्रकरण में वर्ष 2011 में सेवानिवृत्त कर्मचारी को 2015 से 2025 की अवधि की राशि एरियर्स के रूप में निकालकर वसूली के लिए भेजा गया है. इसका मतलब यह हुआ कि 2011 से 2015 के मध्य सेवानिवृत्त कर्मचारियों को जारी बिल नियमानुसार सही था. फिर 2015 में इसे किसके द्वारा परिवर्तित किया गया, यह जांच का विषय है. इसी तरह एक कर्मचारी के बिल में 50 हजार रूपए एरियर्स के रूप में जोड़ दिए गए हैं.
सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने की जांच की मांग
छत्तीसगढ़ विद्युत सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ ने वितरण कंपनी के एमडी को पत्र लिखकर सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बिजली बिल में हजारों-लाखों रूपए एरियर्स के नाम पर जोड़े जाने का विरोध करते हुए जांच की मांग की है. संघ के प्रदेश महामंत्री पुनारद राम साहू ने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों के बिल में 50 प्रश की छूट को 25 प्रश में परिवर्तन करने की जवाबदारी संबंधित वितरण केन्द्र अथवा जोन कार्यालयों का है, लेकिन बरसों तक 50 प्रश छूट दी जाती रही. इसकी जानकारी सेवानिवृत्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी नहीं थी. अचानक हजारों-लाखों रूपए एरियर्स के रूप में आने से सेवानिवृत्त कर्मचारी चकित हैं. संघ ने 50 प्रश छूट का लाभसेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी देने, विद्युत अधिनियम 2003 के उपनियम के तहत 2 वर्ष से पूर्व की अवधि की किसी भी बकाया राशि को निरस्त करने तथा विद्युत देयकों में हुई चूक की निष्पक्ष जांच तथा जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.


