Chhattisgarh News: प्रतीक चौहान. रायपुर. कोर्ट में वर्षों से लंबित करीब 1 लाख 8 हजार से ज्यादा मामलों का निप्टारा एक साथ हुआ है. जिन मामलों में राजीनामे हुए है उसमें ब्रेन ट्यूमर से ग्रस्ति मरीज और वेंटिलेटर पर भर्ती मरीज भी शामिल है.

  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में न्यायमूर्ति अरूप कुमार गोस्वामी मुख्य न्यायाधीश छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन एवं न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी न्यायाधीश, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के निर्देशानुसार दिनांक 12/11/2022 को छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जाकर राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किये गये हैं.

  उक्त लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किये जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिंटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस निराकृत किये गये हैं. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार छत्तीसगढ़ राज्य में भी तहसील स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया.  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा द्वारा जिला रायपुर में नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया गया. जिसमें समस्त न्यायाधीशगण, पक्षकारगण, अधिवक्तागण, बैंक के अधिकारीगण, राजस्व अधिकारी, नगर निगम के अधिकारी, न्यायालयीन कर्मचारीगण, उपस्थित रहे। इस बार की नेशनल लोक अदालत भी हाईब्रिड तरीके से आयोजित की गयी, जिसमें पक्षकार भौतिक उपस्थिति के साथ-साथ वर्चुअल या ऑनलाईन के माध्यम से भी राजीनामा किया गया. नेशनल लोक अदालत के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के द्वारा निःशुल्क स्वास्थ्य जांच परीक्षण शिविर का भी आयोजन किया गया जिसमें न्यायाधीशगण, अधिवक्तागण, कर्मचारीगण, पक्षकारगण तथा सैंकड़ों संख्या में आमजन का निःशुल्क जांच परीक्षण किया गया.

   नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जिला रायपुर में लोक अदालत के मंच से प्रथम बार असंगठित कर्मकारों का श्रम विभाग के माध्यम से किया गया पंजीयन जिले में पहली बार नेशनल लोक अदालत के अवसर पर कानूनी जागरूकता और आउटरीच के माध्यम से नागरिकों का सशक्तिगण अभियान दिनांक 31 अक्टूबर 2022 से दिनांक 13 नवम्बर 2022 के परिप्रेक्ष्य में श्रम विभाग के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष/जिला न्यायाधीश संतोष शर्मा द्वारा नालसा (असंगठित क्षेत्र के श्रमिको के लिए विधिक सेवाएं )योजना 2015 के अंतर्गत असंगठित कर्मकार अंतर्गत पंजीयन कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. यह अपने आप में जिले का प्रथम प्रयास है, जिसके तहत असंगठित कर्मकारों को नालसा की योजना एवं शासन की योजनाओं का लाभ प्राप्त हो सके। यह अपने आप में एक मील का पत्थर साबित हुआ है कि, नेशनल लोक अदालत के दिन 510 असंगठित क्षेत्र के कर्मकारों का पंजीयन सुनिश्चित किया गया। माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष शर्मा द्वारा पंजीयन प्रमाण पत्र का वितरण किया. बुढ़ी मॉ को जिला न्याय पालिका के मुखिया जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष शर्मा ने दिया न्याय का सहारा.

 जिला एवं सत्र न्यायाधीश संतोष शर्मा की खण्डपीठ ने कुथरेल निवासी गीता बंजारे को उनके पति की मोटर दुर्घटना में हुए मृत्यु के कारण अनावेदक अर्जुन निषाद से राजीनामा कराकर 14.80,000/-रूपये प्रदान कराया गया इसी तरह अन्य दावा प्रकरण में ग्राम बासीन निवासी मन्नू लाल कोसरे को उनकी पत्नी नंदनी की मोटर दुर्घटना में मृत्यु होने के कारण से अनावेदक भरत साहू से 3,60,000/-रूपये में राजीनामा कराया। एक अन्य प्रकरण में आवेदक भानुप्रताप वर्मा का कार चालक राकेश कुमार द्वारा दुर्घटना कारित किया गया था जिसमे आवेदक को 1,50,000/-रूपये में राजीनामा कराया गया.

  ब्रेन क्रेसर से पीड़ित जिसके संबंध में चिकित्सकों ने भी जवाब दे दिया है, मोबाईल वेन के माध्यम से पीड़िता ने किया राजीनामा.

 शाश्वत दुबे न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के खण्डपीठ में ब्रेन केंसर से ग्रसित पीड़ित ने मृत्यु शैय्या पर होने के पश्चात भी अपने स्वच्छ मन एवं बड़े हृदय से आरोपी को माफ किया. विदित है कि, मारपीट का एक प्रकरण न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी रायपुर साक्षी धु्रव के न्यायालय में लंबित था जिसमें पीड़िता को ब्रेन केंसर जैसे लाईलाज बीमारी से ग्रसित है जिसमें चिकित्सकों ने उसके बचने का नाम मात्र उम्मीद व्यक्त किया है. पीड़िता का मामला धारा 294, 323 भा.द.सं. का न्यायालय में लंबित था. पीड़िता न्यायालय में आने में असमर्थ थी तब न्यायालय ने विडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की तथा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर द्वारा मोबाईल वेन के माध्यम से न्याय तुंहर द्वार पहुंचाया, जहां पर पीड़िता ने बोला कि, मेरे जीवन का अंत होने वाला है, परंतु लोक अदालत न्याय का एक प्रतीक है और मैं समाज के लिए इस दुनिया से जाने से पहले एक उदाहरण लोक अदालत के माध्यम से देना चाहती हूं कि, मनमुटाव को भूलाकर लोक अदालत के माध्यम से माफ कर न्याय का धर्म निभाने से मन को अपार सुकुन मिलता है.

 पांच करोड़ ग्यारह लाख रूपये में न्यायाधीश विजय कुमार मिंज की खण्डपीठ में हुआ राजीनामा

 उक्त खण्डपीठ में जमीन को खरीदने की संविदा हुई थी जिसमें प्रतिवादी पक्ष वादी पक्ष को शर्तों के अनुसार भूमि नहीं दे रहा था और उसने बयाना के रूप में राशि भी ले ली थी. तब खण्डपीठ के न्यायाधीश द्वारा प्रतिवादी को समझाया गया कि, जिस वस्तु पर आपका अधिकार नहीं है और उसे लेने का प्रयास करेंगे, तो न्याय पालिका तो न्याय करेगी ही, परंतु ईश्वर भी अपना न्याय करता है. इतना समझाने पर प्रतिवादी द्वारा वादी से लिए गए पांच करोड़ ग्यारह लाख रूपये नेशनल लोक अदालत के माध्यम से वापस किए.

दस वर्ष पुराना लंबित प्रकरण में हुए राजीनामा

 श्रीमती नेहा यति मिश्रा न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के खण्डपीठ में परिवादी एवं आरोपी के मध्य व्यवसाय का लेनदेन पिछले दस वर्ष से न्यायालय में चल रहा था जो कि न्यायालय के समझाईश पर दोनों ने समझौता कर प्रकरण समाप्त करवाया.

 न्यायालय के समझाने पर वेंटिलेटर पर ऑक्सीजन लगे 76 वर्षीय वयोवृद्ध प्रार्थी पक्ष ने किया राजीनामा

सोयायटी में थाना टिकरापारा प्रेसिडेन्ट जैनम विहार कालोनी में कचरे को लेकर प्रार्थी तथा आरोपी के मध्य विवाद हुआ था जो लगभग पांच वर्षों से न्यायालय में लंबित था. न्यायालय द्वारा 76 वर्षीय वयोवृद्ध को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से समझाए जाने पर कि, पिता हमेशा अपनी संतानों को माफ करता है, इसी प्रकार आरोपी भी आपसे माफी की प्रार्थना कर रहा है. न्यायाधीश के इतना समझाने पर वेटिलेटर पर होने के पश्चात् भी न्यायाधीश से बात करने पर उन्होंने लोक अदालत के महत्व को समझकर राजीनामा किया.

कुटुम्ब न्यायालय रायपुर में परिवार के झगड़े भरण पोषण एवं वरिष्ठ नागरिकों के रिकार्ड 103 प्रकरणों का हुआ निराकरण

  कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश हेमंत शराफ द्वारा बच्चों तथा बेटी के भविष्य का वास्ता देकर कई दंपत्तियों के मामलों को राजीनामा के माध्यम से निराकृत कराया, तथा कुटुंब न्यायालय के अन्य न्यायाधीश बृजेन्द्र शास्त्री द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के 03 प्रकरणों को निराकृत किया.

  • जनोपयोगी लोक अदालत के डॉ मनोज कुमार प्रजापति के खण्डपीठ में प्रीलिटिगेशन के 26 हजार से ज्यादा प्रकरण हुए निराकृत
  • दालभात केंटीन को चलाने वाले के साथ हुई मारपीट के मामले का कुछ मिनटो में हुआ निराकरण.
  •  कु. गायत्री सॉय न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के खण्डपीठ क्रं. 30 ने 09 वर्ष पुराने प्रकरण में आरोपी ने प्रार्थी को मॉ बहन की अश्लील गालियॉ देते हुए मारपीट किया था उसमे न्यायालय के समझाने पर राजीनामा कर प्रकरण समाप्त कर दिया.

न्यायालय के समझाईश से पति पत्नी हुए एक

कु साक्षी दीक्षित न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के खण्डपीठ ने रायपुर निवासी दंपत्ति जो विवाह के बाद से उनके मध्य वैचारिक मतभेद होने के कारण से अलग-अलग हो गए थे, न्यायालय के समझाईश पर दोनों ने अपना प्रकरण वापस लेकर एक होकर हंसी खुशी से घर गए.

नेशनल लोक अदालत में सगे भाई हुए एक

पल्लव रघुवंशी न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर के खण्डपीठ क्रं. 24 ने परिवादी कैलाशचंद्र केशरवानी का आरोपी सगे भाई के साथ जमीन सौदे की रकम 202000/-रूपये बाबत न्यायालय में मामला पेश कर दिया था जो न्यायालय के समझाईश पर दोनों भाई ने राजीनामा कर प्रकरण समाप्त कर दिया तथा एक अन्य प्रकरण में अभियुक्त ने परिवादी से 400000/-रूपये उधार लिया था जिसे परिवादी को वापस नहीं किया तब परिवादी ने मामला न्यायालय में पेश किया जिसे न्यायालय के समझाईश पर दोनों पक्षकारों ने राजीनामा कर प्रकरण समाप्त कियां.

  • गिर्जेश प्रताप सिंह विशेष न्यायालय रेलवे कोर्ट से हुए 3600 प्रकरणों का निपटारा