सत्यपाल सिंह,रायपुर। छत्तीसगढ़ में दिवंगत पंचायत शिक्षकों की विधवा महिलाएं अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर 37 दिन से बूढ़ातालाब में अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. अब विधवा महिलाओं ने 27 अगस्त से भूख हड़ताल करने का ऐलान किया है. प्रदेश के करीब 1000 परिवार पिछले 13 साल से अनुकंपा नियुक्ति का इंतजार कर रहे हैं. बच्चे अपनी मां से पूछते हैं कि घर कब आओगी. विधवा महिलाओं का कहना है कि धरना स्थल से नियुक्ति पत्र लेकर जाएंगे या फिर यही धरना देकर प्राण त्याग देंगे.

पंचायत दिवंगत अनुकंपा नियुक्ति संघ के प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मिर्गे ने कहा कि पिछले 37 दिन से विधवा महिलाएं अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चौबीसों घंटे बैठे रहते हैं, लेकिन सरकार की ओर से एक भी व्यक्ति धरना स्थल पर मिलने नहीं पहुंचा हैं ना ही हमारी मांगों पर कोई चर्चा हुई है. इसलिए अब हम क्रमिक भूख हड़ताल करेंगे. इसके बाद भी अगर सुनवाई नहीं हुई, तो आमरण अनशन किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि यह महिलाओं की अपमान है. महिला सुरक्षा महिलाओं को लेकर बड़ी-बड़ी बात की जाती है, लेकिन वास्तविकता यही है कि महिलाओं की कोई सुनवाई नहीं है. पिछले 13 साल से हम अपने हक़ के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. कानूनी रूप से भी यह हमारा हक है. हमारी एक सूत्रीय मांग है कि हमें अनुकंपा नियुक्ति दी जाए, क्योंकि इसके पहले दर्जनों बार ज़िम्मेदार अधिकारी विभागीय मंत्री सभी को ज्ञापन सौंपा जा चुका है. किसी ने कुछ नहीं किया.

कांग्रेस सरकार को उनका वादा याद दिलाते हुए माधुरी मिर्गे कहा कि चुनाव के पहले वादा किया गया था कि सत्ता में आते ही हम लोगों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी. आज 37 दिन से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं, लेकिन कोई सूध ही नहीं लिया गया. उन्होंने कहा कि महिलाओं के पति के गुजरने के बाद आर्थिक स्थिति बिगड़ गई है. पिछले 37 दिनों से बाल बच्चों के साथ हम धरना स्थल पर है. कुछ के बच्चे घर में हैं, जो बार-बार पूछते हैं कि मां कब घर आ रहे हो. दाने-दाने के लिए मोहताज हो गए हैं. अब तो हम धरना स्थल से नियुक्ति पत्र लेकर जाएंगे या फिर यही धरना देकर प्राण त्याग देंगे.

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