सुप्रिया पाण्डेय, रायपुर। प्रदेश में बीते 14 दिनों से छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव धरने पर बैठे हैं. आज सचिवों ने धरना स्थल पर भीख मांगकर प्रदर्शन किया. आंदोलनकारियों  का कहना है कि छत्तीसगढ़ सरकार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए वे भीख मांगकर पूरी राशि सरकार को दान करेंगे.

पंचायत सचिव संतोष कुमार वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ पंचायत सचिव संघ विगत 14 दिनों से हड़ताल पर है. पूरे प्रदेश में लगभग 11 हजार पंचायत सचिव कार्यरत हैं. हमारी सिर्फ 1 सूत्रीय मांग है कि 2 वर्ष की परीक्षा अवधि के बाद शासकीयकरण किया जाए. हम लगातार 25 साल से यह मांग करते आ रहे हैं. पंचायत सचिव केंद्र व राज्य की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करते हैं.

जन्म से लेकर मृत्यु तक यदि कोई काम करता है तो पंचायत सचिव करता है. पंचायत विभाग को छत्तीसगढ़ में कई अवार्ड भी मिले है जो हमारी मेहनत का नतीजा है. शासन की योजना चाहे वह, वृद्धा पेंशन हो, सामाजिक सुरक्षा पेंशन या खाद्य विभाग द्वारा संचालित राशन कार्ड की योजना का लाभ हो, उन तमाम योजनाओं को लाभ दिलाने का काम पंचायत सचिव कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि जल्द हमारी मांग पूरी हो.

लक्ष्मी नारायण साहू ने बताया कि 25 वर्षों से हम अस्थाई वर्कर के रूप से कार्यरत हैं. हम काफी पीड़ित और शोषित है. पूरे छत्तीसगढ़ में पंचायतों का काम है कि चाहे मनरेगा का काम हो, नरवा गरवा घुरवा बाड़ी का काम हो, धान खरीदी में भी हमारा योगदान है. हमारे आंदोलन से शासन के लगभग 29 विभाग बंद है. हमारी मांग है कि हमारा शासकीयकरण किया जाए.

आंदोलन को लेकर पंचायत सचिव भगवानदास कुटेर ने कहा कि समस्त प्रदेश के पंचायत सचिव के द्वारा आज भीख मांगी गई. कोरोना काल में छत्तीसगढ़ की वित्तीय स्थिति खराब हुई है. उसे सुधार करने के लिए हम भीख मांग रहे हैं और ये पूरी राशि हम छत्तीसगढ़ सरकार को जमा करेंगे.